Congress: लेबर कोड ने छीने तमाम अधिकार, किसान ही नहीं कर्मचारियों को भी धोखा दे रही मोदी सरकार

पूर्व श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सभी राजनीतिक दल मिलकर करें मजदूर-कर्मचारी विरोधी बिल का विरोध

Updated: Sep 27, 2020, 04:35 PM IST

Photo Courtesy: Business Today
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कांग्रेस ने मोदी सरकार के लाए तीन नए लेबर कोड को मज़दूर-कर्मचारी विरोधी बताते हुए इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अपील की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार का यह दावा बिलकुल झूठा है कि नए कानूनों की वजह से देश में बिज़नेस करना आसान हो जाएगा। खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के लाए तीन नए लेबर कोड्स ने मज़दूरों-कर्मचारियों की सुरक्षा खत्म कर दी है और ट्रेड यूनियन्स को पूरी तरह कमज़ोर कर दिया है। मोदी सरकार सिर्फ कॉरपोरेट की सुनती है। नए लेबर कोड के तहत उन कंपनियों को तालाबंदी या छंटनी के लिए सरकार से इजाजत नहीं लेनी होगी, जिनमें मजदूरों-कर्मचारियों की संख्या 300 या उससे कम हो। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी दलों को मिल कर इन बिलों का विरोध करना चाहिए, क्योंकि संसद में ये बिल पारित करके केंद्र सरकार ने राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन किया है।

मोदी सरकार ने हर तबके को धोखा दिया: पवन खेड़ा

कांग्रेस की ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने एक के बाद एक, समाज के हर तबके को धोखा दे रही है। कृषि बिल के जरिए किसानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आंदोलन अभी चल ही रहा था कि सरकार ने मज़दूरों-कर्मचारियों को भी धोखा दे दिया। खेड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश ने विस्थापित मज़दूरों की पीड़ा को देखा, लेकिन नए लेबर कोड में उन मज़दूरों के लिए कुछ नहीं है।

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अन्यायपूर्ण बिल के खिलाफ आंदोलन करेंगे: INTUC

इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) के अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने एलान किया कि इन अन्यायपूर्ण, मजदूर-कर्मचारी और ट्रेड यूनियन विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरी ताकत से आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कानून सिर्फ सरकार के प्रिय पूंजीपतियों और कॉरपोरेट्स की मदद के लिए लाए गए हैं, कामगारों को इनसे कुछ नहीं मिलेगा। उल्टे किसी नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाने या हड़ताल करने का अधिकार भी उनसे छीन लिया गया है।