BJP के लिए ज़रूरी हैं नेहरू, वित्त मंत्री सीतारमन के पति ने बतायी न्यू इंडिया की असलियत

नरसिंहानंद द्वारा महिला नेत्रियों को रखैल बताने वाले बयान पर सामने आई निर्मला सीतारमन के पति की प्रतिक्रिया, बोले- ये है बीजेपी का न्यू इंडिया, नरसिंहानंद जैसे लोग हैं इनके पोस्टर बॉय

Updated: Sep 04, 2021, 08:50 AM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति व जानेमाने अर्थशास्त्री और विचारक परकला प्रभाकर ने बीजेपी के न्यू इंडिया की हकीकत बयां की है। प्रभाकर ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा है कि वे पंडित नेहरू से इसलिए चिढ़ते हैं क्योंकि नेहरू के सामने उनका राजनीतिक अस्तित्व बौना है। प्रभाकर ने महिला नेत्रियों को रखैल बताने वाले यति नरसिंहानंद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यही बीजेपी का नया भारत है और यति जैसे लोग उनके पोस्टर बॉय हैं।

निर्मला सीतारमण के पति ने अपने साप्ताहिक मिडवीक मैटर्स नामक वीडियो एपिसोड में देश की मौजूदा परिस्थितियों और केंद्रीय नेतृत्व के कार्यशैली को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने न्यू इंडिया का वर्णन करते हुए हालिया घटनाओं को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया है। परकला प्रभाकर ने कहा, 'बीजेपी के न्यू इंडिया में जालियांवाला बाग के भीतर रंगारंग लाइट शो चलता है, मुस्लिम चूडिवाले को बेरहमी से पीटा जाता है, हिन्दू देवताओं के नाम पर ढाबा चलाने वाले को पीटा जाता है, किसी को पीट-पीटकर जय श्री राम के नारे लगवाए जाते हैं।'

यह भी पढ़ें: ICHR ने पोस्टर से जवाहरलाल नेहरू को किया गायब तो लोगों का फूटा गुस्सा, कहा बौना तो बौना ही रहेगा

प्रभाकर ने आगे कहा कि बीजेपी के नए भारत में, 'अनियंत्रित भीड़ राष्ट्रीय राजधानी के सड़कों पर नारेबाजी करती है कि 'जब मुल्ले काटे जाएंगे, जय श्री राम चिल्लाएंगे' और 'हिंदुस्तान में रहना होगा, जय श्री राम कहना होगा'। आईएएस अधिकारी पुलिसवालों को आदेश देता है कि किसानों के सर फोड़ दो। उधर मुख्यमंत्री इसका बचाव करते हुए कहते हैं कि सख्ती जरूरी है। एक आदिवासी व्यक्ति को ट्रक में बांधकर घसीटा जाता है और उसकी मौत हो जाती है। यति नरसिंहानंद महाराज कहते हैं कि बीजेपी समेत अन्य पार्टियों की महिला नेत्रियां रखैल हैं। यति जैसे लोग बीजेपी के पोस्टर बॉय बने हुए हैं।' 

वीडियो एपिसोड में प्रभाकर आगे कहते हैं कि इन घटनाओं के बीच इंडियन काउंसिल फ़ॉर हिस्टोरिकल रिसर्च ने आजादी का अमृत महोत्सव के पोस्टर से जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर हटा दी। ICHR ने ऐसा क्यों किया इस बारे में वे विस्तार से सभी पॉइंट्स पर बात करते हैं। प्रभाकर के बीजेपी के वर्तमान नेतृत्व से वाजपेयी की तुलना करते हुए बताया की नेहरू को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा राज्यसभा में क्या कहा गया था।

यह भी पढ़ें: गडकरी ने नेहरू और वाजपेयी को बताया लोकतंत्र का आदर्श, सरकार और विपक्ष को दी आत्मचिंतन की नसीहत

वाजपेयी ने कहा था कि, 'वह व्यक्तित्व, वह जिंदादिली, सभी को साथ लेकर चलने की वह भावना, वह सज्जनता, वह महानता शायद निकट भविष्य में देखने को नहीं मिलेगी। मतभेद होते हुए भी नेहरू के महान आदर्शों के प्रति, उनके प्रमाणिकता के प्रति, उनके देशभक्ति के प्रति, उनके अटूट साहस और अदम्य धैर्य के प्रति हमारे हृदय में आदर के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। जिस भारतीय लोकतंत्र की नेहरू ने स्थापना की, उसे सफल बनाया आज उसके भविष्य के प्रति भी आशंकाएं प्रकट की जा रही है।'

नेहरू की मृत्यु पर अटल बिहारी वाजपेयी कहते हैं, 'सूर्य अस्त हो गया। तारों की छाया में हमें अपना मार्ग ढूंढना होगा। बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री वाजपेयी नेहरू को कभी छोटा साबित करना नहीं चाहते थे।' प्रभाकर कहते हैं कि नेहरू के जीवनकाल और मृत्यु के बाद भी उनके कई आलोचक रहे। दक्षिणपंथी से लेकर वामपंथी विचारधारा के लोगों ने उनकी आलोचनाएं की। राजाजी से लेकर जयप्रकाश नारायण, बलराज मधोक से लेकर राम मनोहर लोहिया, एसए डांगे और पीसी जोशी, ये नेहरू के कुछ नीतियों के खिलाफ जरूर थे लेकिन इनमें से किसी ने भारतीय इतिहास में नेहरू के स्थान और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को खारिज नहीं किया। 

प्रभाकर ने कहा कि इनमें से कोई भी नेहरू को नीचा दिखाने का समर्थक नहीं था। पुराने भारत की नेहरू से असहमतियां थी लेकिन कभी उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास नहीं हुआ। स्वाधीनता संग्राम में उनके योगदान को ठुकराया नहीं गया। लेकिन नए बीजेपी के नए भारत में ऐसा होता है। विरोधाभास यह है कि इस न्यू इंडिया प्रोजेक्ट के शिल्पकारों को नेहरू की जरूरत है भी और नहीं भी है। नेहरू की मौजूदगी उन्हें याद दिलाती है कि राष्ट्र के स्वाधीनता संग्राम में उनका कोई योगदान नहीं है। नेहरू की मौजूदगी उन्हें उनकी बौनी राजनीतिक कद की याद दिलाती है, जिसके लिए उन्हें लगता है कि नेहरू ही जिम्मेदार हैं। 

यह भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई की वजह नेहरू हैं, विश्वास सारंग के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा, पता नहीं ये कौन सा नशा करता है

प्रभाकर के मुताबिक इसलिए बीजेपी नेताओं को लगता है कि नेहरू को खारिज करना चाहिए, उन्हें बौना साबित करना चाहिए, सरदार पटेल को नेहरू के कॉउंटरपार्ट के तौर पर पेश करना चाहिए। लेकिन उन्हें नेहरू की जरूरत भी है, ताकि अपनी नाकामियों का ठीकरा वे नेहरू पर फोड़ सकें। देश की मौजूदा हालातों के लिए ज़िम्मेदार अपनी नाकामियों और अपने फेलियर का दोष नेहरू पर मढ सकें। वित्तमंत्री के पति वीडियो के निष्कर्ष में कहते हैं कि एक ओर नेहरू को बौना साबित करने का प्रयास, और दूसरी ओर हेट स्पीच, तोड़फोड़, लिंचिंग यही नए बीजेपी का नया भारत है। झूठी शांति, समन्वय इत्यादि का चोला ओढे ये भाजपा हिंदुत्व का छद्म रूप है जिसके चपेट में कई सीधे-सादे हिन्दू भी आ जाते हैं जो इनके आर पार नहीं देख पाते।