Nitish Kumar: मैं चाहता था बीजेपी का सीएम बने, पर दबाव में खुद बनना पड़ा

JDU Meeting: के सी त्यागी ने जेडीयू की बैठक के बाद कहा, चिराग पासवान को अलग चुनाव लड़ने से रोकना चाहिए था, वे NDA के खिलाफ लड़े पर मोदी का नाम लेते रहे

Updated: Dec 28, 2020, 02:50 AM IST

Photo Courtesy : The Week
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वे विधानसभा चुनाव के बाद अपनी जगह बीजेपी के किसी नेता को सूबे की कमान सौंपना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के काफ़ी दबाव डालने पर उन्हें ये पद स्वीकार करना पड़ा। उन्होंने यह बात अपनी पार्टी जेडीयू की रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कही। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने बैठक में कही गई बातों की जानकारी देते हुए बताया कि नीतीश कुमार ने बीजेपी आला कमान के सामने भी यह बात रखी थी कि वे मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि बीजेपी की ओर से ही कोई मुख्यमंत्री बने। लेकिन बीजेपी का नेतृत्व इस पर राजी नहीं हुआ और नीतीश कुमार पर मुख्यमंत्री बनने का दबाव डाला गया।

चिराग को रोकना चाहिए था, बाल-बाल बचा एनडीए: त्यागी

केसी त्यागी ने यह भी कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग़ पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को अलग चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान ने चुनाव में कभी रामविलास पासवान और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम नहीं लिया। वे पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही नाम लेते रहे। जबकि वे यह चुनाव एनडीए गठबंधन के ख़िलाफ़ लड़ रहे थे। त्यागी ने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन बहुमत हासिल करने के मामले में बाल-बाल बचा है।

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बिहार चुनाव में इस बार जेडीयू को बीजेपी के मुक़ाबले काफ़ी कम सीटें मिलने के बारे में केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार संख्या बल के नेता नहीं हैं, वे तो साख के नेता हैं। उनके नेतृत्व और उनके आभामंडल को संख्या बल से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जेडीयू की सीटें भले ही कम हुई हों, लेकिन नीतीश कुमार की साख में ज़रा भी कमी नहीं आई है।

पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने का एलान

केसी त्यागी ने जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने का औपचारिक एलान भी कर दिया। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि जेडीयू वहाँ कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फ़ैसला अगले दो-तीन दिनों में कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी पार्टी हिस्सा लेगी।

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गौरतलब है कि हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात में से छह विधायक दल-बदलकर बीजेपी में शामिल हो चुक हैं। सहयोगी दल होने के बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार की पार्टी का वहाँ लगभग अस्तित्व ही ख़त्म कर दिया। जबकि चुनाव के बाद वो दूसरे नंबर की पार्टी बन गई थी। लेकिन नीतीश कुमार या उनकी पार्टी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जबकि  आरजेडी नेता उनकी इस हालत पर चुटकी ले रहे हैं।