लॉकडाउन में 10 फीसदी बढ़ गए कोरोना संक्रमण के मामले

कोरोना का प्रसार रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण की दर में इजाफा हुआ है। मंगलवार को 21 दिन के लॉकडाउन का आखिरी दिन है। मगर चौंकाने वाली खबर यह है कि लॉकडाउन में कोविड-19 के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं।

Publish: Apr 14, 2020, 05:38 AM IST

देश में कोरोना वारयस का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था। मंगलवार को 21 दिन के लॉकडाउन का आखिरी दिन है। मगर चौंकाने वाली खबर यह है कि लॉकडाउन में कोविड-19 के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं। ये मामले जांच का दायरा बढ़ाए जाने से सामने आए हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि कोरोना अधिक पैर पसार चुका है। जितनी ज्‍यादा जांच की जाएगी उतने अधिक लोगों के संक्रमित होने का खुलासा होगा।

सरकार रोजाना अपनी टेस्टिंग क्षमता को बेहतर कर रही हैं वहीं रोजाना मामलों की संख्या भी नीचे आने का नाम नहीं ले रही है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती मामले आने के दौर में सरकार रोजाना 1200 सैंपल टेस्ट कर रही थी। बाद में सरकार ने टेस्ट की संख्या बढ़ाकर 10 हजार प्रतिदिन तक की है। इस दौरान पता चला है कि लॉकडाउन में कोविड-19 के मामले 10 गुना बढ़ गए हैं। गौरतलब है कि कोविड 19 के प्रकोप को देखते हुए आईसीएमआर ने शुरुआत में ही सरकार को सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर आगाह किया था।

आईसीएमआर के डॉक्टर मनोज वी मुरेखा ने कहा, "अब तक कुल 1,95,7478 सैंपल की जांच हुई है। बीते पांच दिनों में रोजाना औसतन 15,747 सैंपल की जांच हुई जिसमें से 584 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।"  राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के साइंटिफिक एडवाजरी कमिटी के चैयरमैन ने कहा कि "सवाल ये है कि बीते दिनों में पॉजिटिव मामलों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि ज्यादा टेस्ट किए गए मगर प्रमुख बात ये भी है कि जनसंख्या में इंफेक्शन  फैल रहा है।"

रविवार को स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने जानकारी दी कि टेस्टिंग की प्रकिया में तेजी लाने के लिए प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों को समान रूप से जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इन अस्पतालों को राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही ये अस्पताल अपने निर्धारित सौंपे गए क्षेत्र में अन्य अस्पतालों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सरकार ने बताया कि वो प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कोविड 19 अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और क्वारंटाइन सुविधाए मुहैया कराई जा सके।

अग्रवाल ने कहा, "मौजूद समय में कुल संक्रमितों में से करीबन 1,671 मरीजों को बेड की जरूरत है। फिलहाल हमारे पास 601 कोविड अस्पतालों में  105,980 बेड हैं।" दिल्ली स्थित एम्स में 50 आईसीयू बेड और 70 वेंटिलेटर समेत कुल 250 बेड हैं। उन्होंने कहा कि सराकर आइशोलेशन बेड की संख्या आगे और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही प्रत्येक राज्य में एक विशेष स्वास्थ्य अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि सुदूर और दुर्गम इलाकों में वाटरप्रूफ टेंट मुहैया कराए गए हैं। लगभग बीस हजार ट्रेन कोच को आईसोलेशन वॉर्ड में तबदील किया जाएगा। एम्स और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस जैसे प्रमुख संस्थान स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग भी करवा रहे हैं।