MP, CG सहित देश के कई राज्यों में गहराता तेल संकट, MP में तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की सप्लाई 30% घटाई

तेल कंपनियों का दावा है कि केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है।

Updated: Jun 16, 2022, 03:19 AM IST

Courtesy : NDTV
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भोपाल। उत्तरी भारत में मानसून दस्तक दे चुका है और अगले 15 दिनों में खरीफ की फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी। लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति का संकट बढ़ता जा रहा है। तेल कंपनियों को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी तेल कंपनियों द्वारा आपूर्ति में देरी की जा रही है।

मध्य प्रदेश में हालात की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि मध्य प्रदेश में कुल 4900 पेट्रोल पंप संचालित होते हैं, पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति घटने से 1000 पंप बंद होने की कगार पर है। वहीं छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर समेत अन्य जिलों में 350 पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तेल संकट का प्रमुख कारण दो प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा तेल की आपूर्ति में की गई कटौती है। तेल कंपनियों का दावा है कि केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है।

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पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है। यदि सप्लाई ठीक नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिन के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है। सबसे ज्यादा दिक्कत डीजल को लेकर है।

मप्र पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, 'सप्लाई में दिक्कत आ रही है, जिससे मप्र के बहुत सारे पंप ड्राई आउट हो गए हैं। किसानों को परेशानी हो जाएगी, हमें भी दिक्कत होगी। इस सीजन में नुकसान कवर नहीं कर पाएंगे। शहर के पंप 2 से 3 घंटे बंद हो रहे हैं, क्योंकि सप्लाई नहीं हो रही है। कंपनी को करीब 28 रुपये डीजल पर और 16 रुपये पेट्रोल पर घाटा हो रहा है।'

पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति बाधित होने से शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और गाड़ी चालकों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।एक जानकारी के अनुसार आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य हाईवे में इन दिनों डीजल की समस्या सामने आ रही है। तकरीबन 60 प्रतिशत पम्पों में डीजल नही मिल पा रहा है और अन्य पेट्रोल पंप के पास अगले 3 दिन की ही आपूर्ति है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व से ही खाद, बीज और बिजली संकट की तीन तरफा मार झेल रहे किसान भाई अब डीजल की कमी की चौथी मार भी झेलने को मजबूर हैं, यदि हालात यही रहे तो प्रदेश की आम जनता के समक्ष सार्वजनिक परिवहन और आपूर्ति का भयावह संकट खड़ा हो जाएगा।

भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि "यह एक तथ्य है कि कुछ राज्यों में विशिष्ट स्थानों पर, पेट्रोल और डीजल की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जून 2022 के दौरान 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, यह राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में देखा गया है," 

हालांकि पेट्रोल डीजल की आपूर्ति संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक है यहां पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें देखी जा रही है।