कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए काफी है वैक्सीन की एक ही डोज, बीएचयू के शोधकर्ताओं ने पीएम को लिखा पत्र

शोधकर्ताओं ने अपनी इस खोज के बार प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमितों को वैक्सीन की एक ही डोज देने की बात की है, शोधकर्ताओं का दावा है कि यह अमेरिका के जर्नल साइंस इम्यूनोलॉजी में भी प्रकाशित होगा

Updated: May 31, 2021, 10:27 AM IST

Photo Courtesy: Mint
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नई दिल्ली/वाराणसी। कोरोना से संक्रमित मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी ज़रूरी नहीं है। वायरस को मात देकर ठीक हुए मरीजों के लिए वैक्सीन की एक ही डोज काफी है। इस बात का खुलासा वाराणसी स्थिति बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में हुआ है। 

बीएचयू में किए गए इस शोध में कुल 20 लोगों को सैंपल के तौर पर लिया गया था। शोध के मुताबिक कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को वैक्सीन की एक डोज लगाए जाने पर दस दिन के भीतर ही एंटीबॉडी का निर्माण हो जाता है, जो कि कोरोना से लड़ने में सक्षम है। इस तरह से कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों के लिए वैक्सीन की एक डोज ही काफी है। 

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बीएचयू में हुए शोध में जंतु विज्ञानी प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने टीम की अगुवाई की। उनकी इस टीम में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर वीएन मिश्रा, जंतु विज्ञानी प्रज्ज्वल सिंह, डॉ प्रवीण गुप्ता और अभिषेक पाठक शामिल थे। विश्वविद्यालय में हुए इस शोध को अमेरिका के जर्नल साइंस इम्यूनोलॉजी में भी प्राकशित किया जाने वाला है। 

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वहीं शोधकर्ताओं ने अपनी इस खोज के बाद सीधे प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। शोधकर्ताओं ने पीएम से अपनी शोध की जानकारी साझा करते हुए कहा है कि कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों के लिए एक ही टीका काफी है। ऐसे में अगर कोरोना से संक्रमित हुए दो करोड़ों को मरीजों को वैक्सीन की एक ही डोज दी जाए तो वैक्सीन की किल्लत समाप्त की जा सकती है।