गंगा में तैरती लाशों को आरएसएस ने बताया मीडिया का एजेंडा, सह प्रचार प्रमुख ने कहा, पहले भी गंगा के पास दफनाई गई हैं लाशें

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि मीडिया को किसी भी एजेंडे का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, इस संकट काल से निपटने की ज़िम्मेदारी केवल प्रशासन और सरकार नहीं है, बल्कि पूरे समाज की है

Updated: May 31, 2021, 06:22 AM IST

Photo Courtesy: Sabrang
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नागपुर। गंगा में तैरती लाशों की तस्वीरों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने मीडिया को कोसा है। आरएसएस ने लगातार खबरों में आ रही लाशों की तस्वीरों को लेकर मीडिया पर अपना एजेंडा थोपने का आरोप लगाया है। आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब गंगा में तैरती लाशों की तस्वीरें सामने आई हों। सह प्रचार प्रमुख ने कहा कि इससे पहले 2015 और 2017 में भी ऐसी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। 

रविवार को एक कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका पर अपने व्याख्यान के दौरान नरेंद्र कुमार ने कहा कि संकट के इस दौर में मीडिया लोगों को आधा सच दिखा रहा है। जो कि सही नहीं है। जिस तरह से लाशों की तस्वीरें सामने आ रही हैं, उससे लोगों के बीच भय का माहौल पनप रहा है। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि मीडिया को आधा सच दिखाने से बचना चाहिए। 

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नरेंद्र कुमार के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब गंगा में तैरती लाशों की तस्वीरें सामने आई हों। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा भी पहली बार नहीं हुआ है गंगा किनारे शवों को दफनाया गया है। इससे पहले भी गंगा किनारे शवों को दफनाया जाता रहा है। हालांकि सह प्रचार प्रमुख ने यह भी कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि मीडिया में प्रकाशित तस्वीरें वर्तमान समय की हैं। लेकिन फिर भी लोगों के मन में भय का माहौल पनपने से रोका जाना चाहिए। 

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नरेंद्र कुमार ने कहा कि इस संकट काल से निकलने के लिए हम सभी को एक साथ आना होगा। इस दौर से निपटने की ज़िम्मेदारी केवल सरकार और प्रशासन की नहीं है, बल्कि एक समाज के तौर पर हमें भी प्रयास करना चाहिए। नरेंद्र कुमार ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना के संक्रमण के कारण अब तक 35 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन भारत में कोरोना की मृत्यु दर अभी भी 1.2 फीसदी है। इस मामले में भारत की स्थिति अमेरिका, ब्राज़ील, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों से काफी बेहतर है।