पंजाब में मालगाड़ियों की बहाली के लिए राष्ट्रपति को एक लाख ईमेल भेजेंगे किसान

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों के विरोध के कारण पंजाब से बदला लेने का आरोप लगाया

Updated: Nov 12, 2020, 05:47 PM IST

Photo Courtesy: Live Hindustan
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चंडीगढ़। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही बहाली करने के के लिए आज राष्ट्रपति को एक लाख ईमेल भेजने का एलान किया है। किसान समिति का आरोप है कि मोदी सरकार ने नए कृषि कानूनों के विरोध का बदला पंजाब के किसानों से ले रही है और इसीलिए राज्य में मालगाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। 

किसान संघर्ष समिति की इस मसले पर हुई वर्चुअल बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार बदले की भावना से पंजाब में मालगाड़ियां रोककर खाद, कोयले व अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में बाधा खड़ी कर रही है। केंद्र सरकार पंजाब के लोगों को ब्लैकमेल कर रही है ताकि राज्य में किसानों के आंदोलन को दबाया जा सके। लिहाज़ा किसान संघर्ष समिति ने आज एकजुटता दिवस मनाने और राष्ट्रपति को एक लाख ईमेल भेजने का निर्णय लिया है। 

बुधवार को हुई इस वर्चुअल बैठक में मौजूद समिति के पदाधिकारियों ने मोदी सरकार द्वारा दिल्ली में हुए किसानों के आन्दोलन को दबाने का आरोप लगाया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने मोदी सरकार के रवैए के विरूद्ध 26-27 नवम्बर को दिल्ली चलो अभियान के तहत दिल्ली चलने का आह्वान किया है। समिति दिल्ली पहुंच कर केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करेगी। एआईकेएससीसी ने आरोप लगाया कि बड़े कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा सरकार तीन कृषि कानूनों को गैरकानूनी तरीके से लाई है। यह कानून एपीएमसी सिस्टम को पूरी तरह तबाह कर देंगे, जिससे किसान-मज़दूर बर्बाद हो जाएंगे।

बता दें कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों का देश भर में पुरजोर विरोध हो रहा है। लेकिन उनका सबसे ज़बरदस्त विरोध पंजाब में हो रहा है। इसी मसले पर अकाली दल ने भी बीजेपी के साथ अपना बरसों पुराना गठबंधन तोड़ दिया है। पंजाब सरकार मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए राज्य विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। लेकिन मोदी सरकार किसानों और विपक्षी दलों की सारी बातें अनसुनी करके अपने नए कृषि कानून हर हाल में लागू करने पर अड़ी है।