राज्यसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा, बिना चर्चा के पास हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ा बिल

विपक्षी दलों की ओर से समान नागरिक संहिता से संबंधित बिल का विरोध किया गया। कांग्रेस, आरजेडी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों से एकजुट होकर इस विधयेक की वापसी की मांग की।

Updated: Dec 10, 2022, 08:10 AM IST

नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ा एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया। बावजूद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने बिना चर्चा के इसे पास कर दिया।

दरअसल, बीजेपी (BJP) सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने समान नागरिक संहिता से जुड़ी प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। जिसके बाद सदन में बवाल मचता हुआ देखने को मिला। विपक्ष एकजुट होकर इसका विरोध कर रही थी। मीणा ने इस बिल को कुछ संशोधनों के साथ पेश किया था। इस पर विपक्षी दल बिफर गए।

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कांग्रेस, आरजेडी, सपा, वाम दल समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस बिला को खारिज करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पूछा कि इसे क्यों पेश नहीं किया जा सकता? राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने इसे रोकने के विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। बाद में इसे 23 के मुकाबले 63 मत से पारित कर दिया गया।

इस पर विपक्षी दल बिफर गए. विपक्षी दलों ने इस दौरान बिल की वापसी की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया। विपक्ष ने इसे वापस लेने के लिए तीन बार प्रस्ताव केश किया। विपक्षी सांसदों का कहना था कि यह विधेयक अगर कानून बन जाएगा तो इसे देश में नफरती माहौल पैदा होगा। साथ ही इससे विविधतापूर्ण संस्कृति को भी नुकसान होगा।

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कांग्रेस ने इस बिल को लेकर कहा कि बिना लोगों और समाज से चर्चा किए उनकी जिंदगी में जटिलता उत्पन्न करने वाले इस बिल को पेश नहीं किया जाना चाहिए। वहीं माकपा के सांसद जॉन ब्रिटास ने लॉ कमीशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की कोई जरूरत नहीं है। डीएमके नेता तिरुचि शिवा ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का विचार सांप्रदायिकता के खिलाफ है। वहीं सपा नेता आरजी वर्मा ने भी इस बिल का विरोध करते हुए कहा है कि इसके प्रावधान संविधान के खिलाफ हैं।