ऐसे हो रही है आंदोलन में जुटे किसानों के खेतों और परिवारों की देखभाल

पंजाब के किसान परिवारों ने उठाया आंदोलनकारियों के खेतों और परिजनों की देखभाल का जिम्मा, बीमारों के इलाज से लेकर हर छोटी-बड़ी मुश्किल का मिलकर कर रहे हैं मुक़ाबला

Updated: Dec 02, 2020, 01:46 AM IST

Photo courtesy: Bhaskar
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कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। छह दिन से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। कोरोना महामारी और सर्दी में भी अपने हक की लड़ाई जारी है। एक तरफ किसान दिल्ली में हैं, तो उनका परिवार पंजाब के गांवों में है, खेतों में खड़ी फसलों को भी देखभाल की जरूरत है। ऐसे में किसान परिवारों और उनकी फसलों की देखभाल का जिम्मा गांवों के युवाओं की कमेटी ने उठा रखा है।

पंजाब के करीब 12,500 से ज्यादा गांवों के हजारों किसान आंदोलन में शामिल हैं। इनके परिवारों की मदद के लिए ग्रमीणों ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है ताकि जरूरत पड़ने पर परिवारों की मदद की जा सके। इसके जरिये  खेती-किसानी से जुड़े कामों से लेकर मरीज़ों के इलाज़ और बुजुर्गों की देखभाल जैसे सारे काम बेहद मुस्तैदी से किए जा रहे हैं।

ग्रामीणों की कमेटी खेतों में खड़ी फसलों और उनके परिवारों की सारी जिम्मेदारी उठा रही है। इसके लिए 8-10 युवाओं की कमेटी बनाकर वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं। इन ग्रुप्स में उन किसान परिवारों को जोड़ा गया है जिनके  घर के लोग दिल्ली में आंदोलन के मोर्चे पर डटे हुए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी है कि उनके परिवार का हाल चाल पूछकर उनकी जरूरतें पूरी की जाएं। यह कमेटी किसानों के खेतों में जाकर उन पर भी नज़र रखती है।

कमेटी वॉट्सऐप ग्रुप पर फसल और परिवार की जरूरत के हिसाब से मदद करने पहुंच जाती है। किसानों के खेतों में सिंचाई, खाद और कीटनाशकों के छिड़काव जैसे काम भी पूरी मुस्तैदी से किए जा रहे हैं। गांवों में करीब 25 महिलाओं की एक अलग टीम बनाई गई है। जो आंदोलन में गए किसान परिवारों की महिलाओं का हौसला बढ़ाने का काम करती हैं।

इतना ही नहीं पंजाब के कई गांवों में हर रोज गुरुद्वारे से अपील की जाती है कि अगर किसी किसान के घर या खेतों में खड़ी फसल से जुड़ी कोई परेशानी हो तो गुरुद्वारे में संपर्क करे। गुरुद्वारों में 24 घंटे मदद के लिए कमेटी मेंबर मौजूद रहते हैं। आंदोलन में गए किसान परिवारों से डॉक्टर फीस नहीं ले रहे। उनकी दवा और चेकअप मुफ्त में किया जा रहा है।

घर के पुरुषों की गैर मौजूदगी में डॉक्टर घर जाकर खुद मरीज की जांच और इलाज में जुटे हैं। आंदोलनकारियों के लिए पंजाब से दिल्ली तक खाने पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन जैसे कई किसान संगठन परिवारों की मदद में दिनरात लगे हैं। गांवों के युवाओं की टोली दिल्ली और पंजाब तक सामान पहुंचा रही है। एक तरफ किसान दिल्ली में मोर्चा सम्हाले हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनके साथी पूरी जिम्मेदारी से और कुशल मैनेमेंट गुरु की तरह उनके परिवारों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं। सब का एक ही उद्देश्य है कि दिल्ली में आंदोलन को मजबूती मिले और किसानों के खेत और परिवार भी सुरक्षित रहें।