माई लॉर्ड पौव्वे को गटकाने और छिपाने में आसानी होती है, हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने बताए क्‍वार्टर के फायदे

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को हाईकोर्ट में चुनौती, याचिकाकर्ता ने बताए क्‍वार्टर यानी पौव्वे के फायदे, पौव्वे के मिलने से होगा गरीबों का नुकसान

Updated: Nov 30, 2021, 01:33 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति 2021-22 को चुनौती देने वाली याचिका की आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट में गर्मागर्म बहस देखने को मिला। केजरीवाल सरकार की पॉलिसी को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि सरकार पौव्वे यानी क्‍वार्टर को खत्म करना चाहती है।

नई एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ तर्क देते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि क्‍वार्टर या पौव्वे का अपना महत्व है। इसे जल्दी पीकर खत्म किया जा सकता है। यह सस्ता भी होता है। इसे छिपाना भी आसान होता है। परिवार के बुजुर्गों से छिपाकर घर ले जाया जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि है कि नई एक्साइज पॉलिसी क्‍वार्टर की बिक्री को हतोत्‍साहित करने वाली है, साथ ही ज्‍यादा कीमत वाली पूरी बोतल की बिक्री को बढ़ावा देती है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि शराब की पूरी बोतल का खर्च हर कोई नहीं उठा सकता है।

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याचिकाकर्ता के वकील ने आगे कहा कि सरकार की इस नई नीति से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब वर्ग के लोगों को होगा। निर्धनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि शराब की बड़ी दुकानों में सस्ती और सुरक्षित शराब का पौवा नहीं मिलेगा।

बता दें कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 17 नवंबर से नई आबकारी नीति लागू कर दी है। इसके के तहत राजधानी में शराब की खुदरा दुकानों का संचालन प्राइवेट हाथों में सौंपा गया है। साथ ही मैरिज हॉल, फार्म हाउसों, मोटलों व अन्य लाइसेंस प्राप्त परिसरों में शादी समारोहों, पार्टियों और अन्य कार्यक्रमों में शराब परोसने के लिए पी-10 लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।