ट्विटर के CEO बनते ही विवादों में घिरे पराग अग्रवाल, दक्षिणपंथी ट्रोल्स ने बनाया निशाना
पराग अग्रवाल का 10 साल पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है, इसमें उन्होंने लिखा कि अगर आप मुस्लिमों और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं कर सकते हैं तो मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों के बीच भेद क्यों करूं

नई दिल्ली। ट्विटर के सीईओ बनते ही भारतीय मूल के युवा इंजीनियर पराग अग्रवाल विवादों में घिर गए हैं। पराग की नियुक्ति अमेरिकी दक्षिणपंथी समुदाय को रास नहीं आ रही है। उन्होंने पराग को न सिर्फ ट्रॉल करना शुरू कर दिया है, बल्कि उन्हें नस्लभेदी करार देते हुए हटाने की भी मांग कर रहे हैं। यह पूरा विवाद पराग के एक दस साल पुराने ट्वीट से उपजा है।
दरअसल, पराग ने 26 अक्टूबर 2010 को एक ट्वीट में लिखा था कि, 'अगर आप मुसलमान और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं करने वाले हैं तो फिर मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों में अंतर क्यों करूं।' खास बात ये है कि उस समय पराग ने ट्विटर जॉइन भी नहीं किया था और इस ट्वीट पर उन्होंने सफाई भी दी थी।
"If they are not gonna make a distinction between muslims and extremists, then why should I distinguish between white people and racists."
— Parag Agrawal (@paraga) October 26, 2010
पराग के मुताबिक यह बात कॉमेडियन आसिफ़ मांडवी ने एक शो के दौरान कही थी जिसे उन्होंने महज ट्वीट किया था। दरअसल, मांडवी के इस कार्यक्रम में कई बड़े कॉमेडियनों ने भाग लिया था और इसमें काले लोगों के हक अधिकारों के बारे में बात हो रही थी।
बहरहाल, अमेरिकी कट्टरपंथी व्हाइट समुदाय को यह ट्वीट काफी तेज चुभ रही है। इसका कारण ये है कि ट्विटर को एक प्रोग्रेसिव प्लेटफार्म के रूप में देखा जाता है और कंपनी ने समय-समय पर कट्टरपंथी सोच को सेंसर भी किया है। अमेरिकी कट्टरपंथियों ने तो कई बार ट्विटर के बहिष्कार का भी ऐलान किया है। मसलन जब ट्विटर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़काऊ ट्वीट्स पर एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड किया था तब बड़े स्तर पर ट्विटर के खिलाफ मुहिम चलाई गई थी।
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दक्षिणपंथी विचारकों को डर है कि पराग के नेतृत्व में ट्विटर पर कट्टर पोस्ट्स का सेंसर और अधिक हो जाएगा। ये डर उनके प्रतिक्रिया में भी देखा जा सकता है। टेनिसी की सीनेटर और रिपब्लिकन पार्टी की नेता मार्शा ब्लैकबर्न ने इस लिखा है कि, 'ट्विटर के नए सीईओ ने धर्म को पिरामिड स्कीम बताया है। यह वो हैं जो आपकी बात को ऑनलाइन नियंत्रित करने जा रहे हैं।'
Twitter’s new CEO called religion a pyramid scheme. This is who is going to be controlling your speech online. https://t.co/ljpZuAKNOf
— Sen. Marsha Blackburn (@MarshaBlackburn) November 30, 2021
हालांकि, भारत की बात की जाए तो यहां दक्षिणपंथी समूह में उहापोह की स्थिति है। वे इस उधेड़बुन में फंसे हैं कि पराग को भारतीय बेटा बताकर उनकी तारीफ करें या फिर मुसलमानों के समर्थक नजरिए के लिए ट्रोल करें। ऐसे में भारत में पराग को लेकर दिलचस्प प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग उन्हें 'हमार परगवा' कहकर भी संबोधित कर रहे हैं।
Parag Agrawal will be considered true Indian only if he suspends Jack's Twitter Account and bring back Kangana's Twitter Account.
— Rajshekhar Jha (@jharaj07) November 30, 2021
Btw Congrants @paraga for being New CEO of Twitter.
Indians Rulling over the world#ParagAgrawal #newCEO
ट्विटर यूजर राजशेखर झा ने लिखा है कि, 'पराग तब ही सच्चे भारतीय माने जाएंगे जब वो जैक के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करेंगे और कंगना के ट्विटर अकाउंट को बहाल करेंगे। ट्विटर का सीईओ बनने के लिए शुभकामनाएं पराग अग्रवाल। भारत दुनिया पर राज कर रहा है।' बहरहाल, पराग के इस ट्वीट से स्पष्ट है कि वे इस धारणा से सहमत हैं कि न तो सभी मुस्लिम चरमपंथी होते हैं और न ही सभी गोरे लोग नस्लभेदी होते हैं।