बूथ वाइज वोटिंग डेटा जारी करने की मांग वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट बोला- 5 फेज की वोटिंग हो चुकी
याचिका में यह भी कहा गया था कि कोर्ट निर्देश दे कि मतदान के 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत का डेटा बूथ वाइज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।

नई दिल्ली। देश में पांच चरण के मतदान हो चुके हैं। चुनाव के बीच निर्वाचन आयोग के रवैए और निष्पक्ष चुनाव को लेकर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों के दौरान अपनी वेबसाइट पर वोटर टर्नआउट अपलोड करने वाली याचिका पर चुनाव आयोग को कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने तर्क दिया कि 5 फेज हो चुके हैं, दो चरण बाकी हैं। ऐसे में डेटा अपलोडिंग के लिए मैनपावर जुटाना चुनाव आयोग के लिए मुश्किल है।सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की वेकेशन बेंच ने की। NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने याचिका में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) की वेबसाइट पर फॉर्म 17सी डेटा अपलोड करने और बूथ वाइज वोटिंग डेटा अपलोड करने की मांग की थी।
याचिका में यह भी कहा गया था कि कोर्ट निर्देश दे कि मतदान के 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत का डेटा बूथ वाइज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे। NGO ने चुनाव आयोग पर लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में वोटिंग पर्सेंट जारी करने में देरी का आरोप लगाया। याचिका में कहा गया कि पहले तो डेटा जारी करने में देरी हुई। इसके बाद शुरुआती डेटा के मुकाबले फाइनल डेटा में वोटिंग पर्सेंट काफी बढ़ गया।