प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम किसानों की मदद कर रहे हैं, विपक्ष गुमराह कर रहा है

पीएम मोदी ने कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन किया, इस दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा

Updated: Dec 16, 2020, 04:05 AM IST

Photo Courtesy: ABP
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कच्छ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के कच्छ में डिसेलिनेशन प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद उनकी जमीन पर दूसरे लोग कब्जा कर लेंगे।

अपने एक दिन की कच्छ यात्रा के दौरान विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद पीएम ने कहा, 'किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए।'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए। आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं। वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे। जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है।'

किसान हमारी पहली प्राथमिकता

इस दौरान मोदी ने दावा किया कि केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता देश के किसान हैं। उन्होंने कहा, 'मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है।' इस दौरान मोदी ने कच्छ में सिख समुदाय के किसानों से भी मुलाकात की। हालांकि, मुलाकात करने वाले किसानों ने मीडिया से बताया है कि पीएम से गुरुद्वारे को लेकर चर्चा हुई है।

दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन

पीएम ने इस दौरान कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का भी उद्घाटन किया। बताया जा रहा है कि कच्छ के मांडवी में प्रस्तावित विलवणीकरण संयंत्र के साथ समुद्री जल को पीने के पानी में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। यह संयत्र 10 करोड़ लीटर प्रति दिन की क्षमता (100 एमएलडी) के साथ नर्मदा ग्रिड, सौनी नेटवर्क और अपशिष्ट जल शोधन बुनियादी ढांचे के पूरक के रूप में गुजरात में जल सुरक्षा की स्थिति को मजबूत बनाएगा