टीकाकरण के गिरते ग्राफ़ पर राहुल गांधी ने जताई चिंता, कहा सरकार बीमारी को लेकर अब भी है बेफिक्र

राहुल गांधी ने वैक्सिनेशन का एक ग्राफ भी साझा किया है, ग्राफ के मुताबिक एक अप्रैल से 20 मई के दरमियान भारत में टीकाकरण की रफ्तार में भारी गिरावट देखने को मिली है

Updated: May 24, 2021, 12:04 PM IST

Photo Courtesy: AICC
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नई दिल्ली। देश में हो रही वैक्सीन की कमी को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा है कि संकट के इस समय पर काबू पाने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन केंद्र सरकार को देश की चिंता नहीं है। 

राहुल गांधी ने देश में टीकाकरण की रफ्तार में गिरावट होने की बात को सिद्ध करने के लिए एक ग्राफ भी साझा किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि महामारी को नियंत्रित करने के लिए वैक्सिनेशन ही सहारा है लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारत सरकार को इस बात की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। 

राहुल गांधी ने वैक्सिनेशन की रफ्तार में कमी आने की तस्दीक करने वाले जिस ग्राफ को साझा किया है, उसके मुताबिक भारत में 1 अप्रैल से 20 मई के बीच टीकाकरण में भारी गिरावट आई है। ग्राफ के मुताबिक अप्रैल महीने में जहां लगभग 8 करोड़ 98 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया, तो वहीं मई महीने में महज़ 3 करोड़ 69 लाख लोगों का ही टीकाकरण किया गया। 

प्रतिदिन लगाई जाने वाली वैक्सीन की औसत में भी भारी गिरावट आई है। अप्रैल महीने में जहां प्रति दिन लगभग 30 लाख लोगों का वैक्सीनेशन किया गया तो वहीं मई महीने में यह औसत प्रति दिन 18.44 लाख लोगों पर आ कर रह गई। इतना ही नहीं मई महीने में वैक्सीनेशन की औसत प्रति दिन निर्मित होने वाली वैक्सीन से भी कम हो गई। अप्रैल महीने में प्रतिदिन 26 लाख 66 हज़ार वैक्सीन का निर्माण किया जा रहा था। तो वहीं मई महीने में प्रति दिन 25.80 लाख वैक्सीन का निर्माण किया गया है। 

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केरल हाईकोर्ट को दिए गए केंद्र सरकार के आंकड़ों से भी पता चलता है कि देश में प्रतिदिन कुल वैक्सीन उत्पादन का सिर्फ 57 फीसदी ही टीकाकरण हो पा रहा है। जबकि रोजाना देश में 28.33 लाख वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है। यानी एक दिन में औसतन 12 से 13 लाख वैक्सीन ही लोगों को मुहैय्या हो पा रही है। केंद्र ने यह भी कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट में प्रति माह कोविशील्ड वैक्सीन का 6.5 करोड़ डोज का उत्पादन हो रहा है जबकि कोवैक्सीन निर्माता कंपनी बायोटेक एक माह में 2 करोड़ डोज़ ही उपलब्ध करा पा रही है। इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने राज्य में वैक्सीन की कमी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्यों को वैक्सीन की समय सीमा देने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया है कि उसके पास राज्यों को देने के लिए कोई फिक्स्ड टारगेट नहीं है।

वैक्सीनेशन की कमी का असर देश के विभिन्न राज्यों में साफ दिखने लगा है। सबसे ज़्यादा खस्ताहाल में पंजाब और दिल्ली हैं। पंजाब के पास इस समय टीकाकरण के लिए महज़ 60 हज़ार खुराक बची हुई हैं। वहीं दिल्ली में युवाओं का टीकाकरण बंद करने की नौबत आ गई है। दिल्ली और पंजाब सरकार ने वैक्सीनेशन की इस कमी से निपटने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनियों से संपर्क भी किया, लेकिन वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने यह कहते हुए दोनों ही सरकारों को निराश कर दिया कि वे सीधे केंद्र सरकार से ही डील करती हैं।