PM ने हमारे फोन में डाला हथियार, किया राष्ट्रविरोधी कार्य, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर बरसे राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद को बाधित नहीं करना चाहते, हम केवल पेगासस के मसले पर प्रधानमंत्री और उनकी सरकार से जवाब चाहते हैं कि उन्होंने हमारी जासूसी की है या नहीं?

Updated: Jul 28, 2021, 11:46 AM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड के मसले पर हुई विपक्षी दलों की मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमारे फोन में हथियार डालने का काम किया है। राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर राष्ट्रविरोधी कार्य करने का आरोप लगाया। 

राहुल ने यह बातें मीटिंग की समाप्त होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं। राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस स्पायवेयर के जरिए जासूसी कर मोदी सरकार ने लोकतंत्र पर प्रहार किया है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर जासूसी करनी ही थी तो आतंकवादियों की करते। लेकिन पेगासस का इस्तेमाल हमारे विरुद्ध क्यों किया जा रहा है? 

राहुल गांधी ने संसद को बाधित करने के सवाल पर कहा कि हम की कार्यवाही को नहीं रोक रहे। हम सिर्फ चाहते हैं कि सरकार इस मसले पर हमसे एक बार चर्चा करे। हमें सरकार से यही जवाब चाहिए कि सरकार ने पेगास्स स्पायवेयर खरीदा है या नहीं? सरकार को इस सवाल का जवाब देना होगा। राहुल ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाए जाने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सिर्फ निजता का मसला नहीं है बल्कि यह पूर्ण रूप से एक राष्ट्रविरोधी कार्य है जो सरकार ने किया है। 

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इससे पहले राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बुधवार दोपहर को बैठक की। इसमें एक दर्जन से ज्यादा विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। इसी मुद्दे पर एक और बैठक राहुल गांधी ने मंगलवार को भी की थी। 

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संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष लागतार सरकार को पेगासस जासूसी कांड के मसले पर दोनों सदनों में घेर रहा है। सदन के बाहर भी विपक्ष के नेता लागतार इस मामले में सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच करने की मांग भी कर रहे हैं। मंगलवार को ही प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि इस पूरे प्रकरण में सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए और इसके साथ ही इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जानी चाहिए।