कोरोना की जांच में पिछड़े देशों जैसे भारत के हाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण की जांच के मामले में भारत अभी भी बहुत पीछे है। देश की स्थिति लाओस, नाइजर और होंडुरस जैसे देशों की तरह है।

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण की जांच के मामले में भारत अभी भी बहुत पीछे है। भारत मे अभी प्रति 10 लाख में से केवल 149 व्यक्तियों का ही कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। कोरोना जांच के मामले में देश की स्थिति लाओस, नाइजर और होंडुरस जैसेे देशों से मेल खा रही है।
मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना संकट के समय में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को विकसित देशों की तुलना में बेहतर बताया था। अब कांग्रेस नेता ने इन कदमों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस की जांच के लिए टेस्टिंग किट की कमी के मुद्दे को उठाया है।
टेस्ट किट ख़रीद में देरी की गयी,अब देश में इसकी भयंकर कमी है।हर 10 लाख देशवासियों के लिए मात्र 149 टेस्ट उपलब्ध हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2020
लाओस(157), नाइजर(182) जैसे देशों में हमारी गिनती हो रही है।
बड़े स्तर पे टेस्टिंग से #Covid19 मरीज़ की पहचान/पृथक इलाज संभव है।इसमें हम अब तक असफल हैं।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा किए गए एक ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस की कम हो रही जांच सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने सरकार पर टेस्टिंग किट खरीदने में देर करने का भी आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने टेस्टिंग किट खरीदने में देरी की और अब महामारी के पूरे विश्व मे फैल जाने के कारण किट की बहुत किल्लत हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में परीक्षण बढाना एक महत्वपूर्ण हथियार है पर इस मामले में आज हम पिछड़ रहे हैं। प्रति 10 लाख भारतीयों में से अभी केवल 149 का परीक्षण हो रहा है। इस मामले में हम लाओस 157, नाइजर 182 और होंडुरास 162 की कतार में खड़े हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि अधिक से अधिक लोगों की वायरस जांच इस लड़ाई को जीतने की कुंजी है। फिलहाल इस लड़ाई में हम कहीं नहीं खड़े हो पा रहे हैं।