नफरत की गिरफ्त में अब क्रिकेट भी आ गया है, वसीम जाफर मामले में बोले राहुल गांधी

वसीम जाफर के समर्थन में क्रिकेटर्स के बाद अब राहुल गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है

Updated: Feb 13, 2021, 02:10 PM IST

Photo Courtesy : Abp News
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नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और उत्तराखंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच वसीम जाफर पर धार्मिक पक्षपात करने का  बेबुनियाद आरोप लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वसीम जाफर की तरफ से इस बारे में सोशल मीडिया पर सफाई दिए जाने के बाद जहां कई दिग्गज खिलाड़ी उनके समर्थन में सामने आ गए हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस विवाद पर दुख जाहिर किया है। राहुल ने कहा है कि यह विवाद पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में लगातार नफरत फैलाए जाने का नतीजा है।  

राहुल गांधी ने इस विवाद पर ट्वीट करते हुए लिखा है, "पिछले कुछ वर्षों में नफरत को इतना आम कर दिया गया है कि अब हमारा प्रिय खेल क्रिकेट भी इसकी चपेट में आ गया है। भारत हम सबका है। उन्हें हमारी एकता को नष्ट करने का मौका न दें।  

दरअसल यह सारा बवाल कुछ ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स की वजह से शुरू हुआ, जिनमें उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के कोच के पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर पर खिलाड़ियों के बीच धार्मिक आधार पर पक्षपात करने के आरोप लगाए गए थे। ऑप इंडिया जैसी दक्षिणपंथी प्रॉपगैंडा वेबसाइ्स पर छपी इन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वसीम जाफर ने इकबाल अब्दुल्ला को उत्तराखंड की टीम का कप्तान इसी पक्षपात की वजह से बनवाया था। उन पर यह आरोप भी लगाया गया था कि वे अभ्यास सत्र के दौरान मौलवी को बुलाते थे।

वसीम जाफर ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए ट्विटर पर लिखा कि वे तो पहले अजय बिस्टा को टीम का कप्तान बनाना चाहते थे। लेकिन उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों ने इकबाल को कप्तानी सौंपने का फैसला किया। अभ्यास के दौरान मौलवी को बुलाए जाने के आरोप पर जाफर ने कहा कि उन्होंने कभी किसी मौलवी को आमंत्रित नहीं किया। वसीम जाफर ने ट्विटर पर लिखा कि अगर मैं सांप्रदायिक मानसिकता का होता तो समद फलाह और मोहम्मद नज़ीम ने सभी मैच खेले होते। 

 

 

पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने वसीम जाफर के बयान के बाद उनका समर्थन करते हुए ट्वीट किया है। मोहम्मद कैफ, मनोज तिवारी और इरफान पठान समेत कई और खिलाड़ियों ने भी वसीम जाफर का समर्थन किया है। 

दरअसल वसीम जाफर के खिलाफ आई खबरें उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा और उत्तराखंड क्रिकेट टीम के मैनेजर नवनीत मिश्रा के हवाले से छापी गई थीं, जबकि दोनों ही साफ कर चुके हैं कि उन्होंने वसीम जाफर पर कभी ऐसा आरोप नहीं लगाया।दोनों ने एक स्वर में कहा कि वसीम जाफर ने अपने कार्यकाल में कभी सांप्रदायिक आधार पर भेदभाव नहीं किया।लेकिन आरोपों से दुखी वसीम जाफर ने इस बारे में अपनी तरफ से सोशल मीडिया पर बयान देकर सफाई पेश की। जिसके बाद उनके समर्थन में कई बड़े खिलाड़ी और दूसरे लोग सामने आ चुके हैं।