हमें मार दीजिए चाहे गाड़ दीजिए, फर्क नहीं पड़ता, हमारी ट्रेनिंग ऐसी है: राहुल गांधी

प्रियंका गांधी के साथ हुई धक्का-मुक्की और अवैध हिरासत को लेकर सामने आया राहुल का बयान, बोले- हमारे परिवार में हमें ऐसा प्रशिक्षण मिला है की हमें मार दीजिए फर्क नहीं पड़ता, यह किसानों का मुद्दा है

Updated: Oct 06, 2021, 06:39 AM IST

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कुच करने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी का रौद्र रूप देखने को मिला है। राहुल गांधी ने कहा है कि हमें अपने परिवार से ट्रेनिंग ही ऐसी मिली है की हमें मार दीजिए चाहे गाड़ दीजिए कोई फर्क नहीं पड़ता। राहुल ने कहा कि यह अन्नदाताओं का मुद्दा है इसलिए वे लखीमपुर जाएंगे चाहे कुछ भी हो जाए।

दरअसल, बीते दिनों लखीमपुर जाने के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ अभद्रता की घटना ने देशवासियों को आक्रोशित कर दिया था। मामला अब और तूल पकड़ चुका है क्योंकि बिना किसी कारण के प्रियंका को पिछले 72 घंटे से हिरासत में रखा गया है। प्रियंका के साथ हो रहे इस सरकारी उत्पीड़न को लेकर पत्रकारों ने जब राहुल गांधी से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि इन घटनाओं से हमें फर्क नहीं पड़ता।

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राहुल गांधी बोले, 'हमें धक्का-मुक्की से फर्क नहीं पड़ता। हमें मार दिया जाए, चाहे गाड़ दिया जाए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी ट्रेनिंग ऐसी हुई है। क्योंकि यह किसानों का मुद्दा है, इसलिए हम उनसे मिलने जाएंगे ही। हम जमीनी हकीकत जानना चाहते हैं।' बता दें की सरकार ने राहुल गांधी को लखीमपुर खीरी या सीतापुर जाने की परमिशन नहीं दी है। इसके लिए प्रशासन ने धारा 144 को वजह बताया है।

हालांकि इसपर राहुल गांधी का कहना है कि हम तीन लोग ही जा रहे हैं, जबकि धारा 144 पांच लोगों को रोकती है। 3 लोग एकसाथ धारा 144 में जा सकते हैं। राहुल गांधी ने इस संबंध में राज्य सरकार को चिठ्ठी भी लिखी है। लखीमपुर जाने के कारणों को लेकर राहुल ने कहा कि, 'जब हम किसी मुद्दे पर दबाव बनाते हैं तब जाकर वहां पर कार्रवाई होती है। हाथरस में भी हमने दबाव बनाया तब वहां कार्रवाई हुई। लेकिन सरकार चाहती है कि हम इस मुद्दे को ना उठाएं और न ही कोई दबाव बनाएं।'

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा की, 'यदि हम हाथरस में नहीं गए होते तो, जिन्होंने बलात्कार किया था वो बिना सजा के निकल जाते। अगर हमने उनके MLA के बारे में नहीं बोला होता तो वो निकल जाते, इसलिए हम दबाव डाल रहे हैं। हम दबाव क्यों डाल रहे हैं? क्योंकि किसानों के साथ गलत किया जा रहा है, उनको मारा जा रहा है।'