Rajasthan: 31 जुलाई को विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा

राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाने की शर्त रखी थी, अशोक गहलोत कैबिनेट ने नहीं मानी शर्त

Updated: Jul 29, 2020, 11:33 PM IST

जयपुर। राजस्थान में जारी राजनीतिक सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में शामिल एक मंत्री ने कहा है कि सरकार 31 जुलाई से ही सत्र बुलाना चाहती है। यह बैठक लगभग दो घंटे चली।

बैठक के बाद राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,' हम राज्यपाल से कोई टकराव नहीं चाहते हैं वे हमारे परिवार के मुखिया हैं। उन्होंने संकेत दिया कि राज्य सरकार की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने के लिए संशोधित प्रस्ताव एक बार फिर राजभवन को भेजा जाएगा।अब राज्यपाल को तय करना है कि वे हर राजस्थान की भावना को समझें।'

क्या सरकार 31 जुलाई से ही सदन बुलाना चाहती है यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा,''हम 31 जुलाई से सत्र चाहते हैं। जो पहले प्रस्ताव था वह हमारा अधिकार है, संवैधानिक अधिकार है। उसी को हम वापस भेज रहे हैं।'

उल्लेखनीय है कि राज्य में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का कैबिनेट का प्रस्ताव दुबारा वापस सरकार को भेजा है। राज्य सरकार ने 25 जुलाई की रात को जो संशोधित कैबिनेट प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया था, उसमें विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने की बात थी। लेकिन राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को तीन बिंदुओं के साथ सरकार को लौटा दिया।

इन तीन बिंदुओं की अगर बात करें तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण बिंदु 21 दिन का नोटिस देकर विधानसभा सत्र बुलाने की बात करने वाला है। लेकिन जैसा कि खाचरियावास ने स्पष्ट किया है कि सरकार 31 जुलाई को ही विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है, ऐसे में यह साफ हो गया है कि अशोक गहलोत 21 दिन का नोटिस देने के लिए तैयार नहीं हैं।

कहा जा रहा है कि राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस की बात इसलिए की है ताकि बीजेपी को अशोक गहलोत कैंप के विधायकों का शिकार करने के लिए अधिक समय मिल सके।  इस बीच बीजेपी नेता मदन दिलावर ने बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में एक दूसरी याचिका डाली है। वहीं बसपा ने भी कहा कि वह इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ 29 जुलाई को राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका डालेगी।