राजीव गांधी के हत्यारे छूट गए, मुझे भी रिहा करो, स्वामी श्रद्धानंद ने लगाई सुप्रीम कोर्ट से गुहार

संपत्ति के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में दोषी है स्वामी श्रद्धानंद, जेल में काट रहा आजीवन कारावास की सजा।

Updated: Nov 17, 2022, 07:55 AM IST

नई दिल्ली। राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के बाद अब अन्य लोग भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने लगे हैं। संपत्ति के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में दोषी स्वामी श्रद्धानंद ने भी सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है।उसने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों के साथ समानता की मांग की।

श्रद्धानंद के वकील वरुण ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष दलील दी कि दोषी को हत्या के लिए एक भी छूट या पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह पहले ही 29 साल जेल में बिता चुका है, यहां तक कि एक दिन की पैरोल भी नहीं ली है।

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अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषी 30 साल की कैद के बाद पैरोल पर रिहा कर दिए गए हैं, जबकि 1991 में हुए श्रीपेरुम्बुदुर हुए बम विस्फोट में 16 लोग मारे गए थे और 43 घायल हुए थे। श्रद्धानंद के वकील ने कहा कि यह समानता के अधिकार के उल्लंघन का एक उत्कृष्ट मामला है। 

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ सुनवाई के लिए याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई। जल्द सुनवाई की अपनी अर्जी में ठाकुर ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की उम्र 80 साल से ज्यादा है और वह मार्च 1994 से जेल में है। मौत की सजा के दोषी के रूप में, उसे तीन साल के लिए बेलगाम जेल के एकांत कारावास में रखा गया था और वह कई बीमारियों से भी पीड़ित था।'

बता दें कि बीते  11 नवंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 6 दोषियों- नलिनी, मुरुगन, रविचंद्रन, जयकुमार, संथन उर्फ ​​​​सुथेनथिराराजा और रॉबर्ट पायस को रिहा करने का आदेश दिया था।