राज्यसभा में गूंजा रश्मि सामंत का मुद्दा, विदेश मंत्री बोले, नस्लवाद पर हम चुप नहीं बैठेंगे

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचने वाली रश्मि को शपथ से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा था

Updated: Mar 15, 2021, 11:59 AM IST

नई दिल्ली। राज्यसभा में आज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचने वाली रश्मि सामंत के इस्तीफे के मुद्दा उठा। बीजेपी सांसद अश्विन वैष्णव ने आज सदन में दावा किया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में देश की बेटी रश्मि सामंत को कथित रूप से नस्लवाद का सामना करना पड़ा। बीजेपी सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि रश्मि के माता पिता के हिन्दू धार्मिक विश्वासों को भी निशाना बनाया गया। इस मामले में सदन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत चुप नहीं बैठेगा।

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'महात्‍मा गांधी की जमीन से होने के नाते, हम कभी नस्‍लवाद से आंखें नहीं चुरा सकते। खासतौर से तब जब यह किसी ऐसे देश में हो जहां हमारे लोग इतनी ज्‍यादा संख्‍या में हों। हमारे ब्रिटेन साथ मजबूत रिश्‍ते हैं। भारत सरकार सभी डेवलपमेंट्स पर नजर बनाए हुए है। जब भी जरूरत होगी, भारत इसे मुद्दे को मजबूती से उठाएगा।'

रश्मि ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचा था। हालांकि, रश्मि को शपथग्रहण से पहले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस्तीफा देने की वजह ये थी कि उनके पुराने सोशल मीडिया पोस्ट्स सामने आए थे, जिनके आधार पर उनके खिलाफ असंवेदनशीलता दिखाने और नस्लीय भेदभाव करने जैसे आरोप लगे थे।

रश्मि ने गलतियों पर मांगी थी माफी

स्टूडेंट यूनियन की डिबेट्स के दौरान रश्मि की तुलना हिटलर जैसे तानाशाह से की जा रही थी। चौतरफा आलोचनाओं से घिरी रश्मि ने अपनी गलतियों के लिए एक खुला खत लिखकर छात्रों से माफी भी मांगी थी। इसके बाद भी वे आलोचनाओं का शिकार हो रही थीं। अंत में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। इस्तीफे के बाद रश्मि ने दावा किया कि इस पूरे प्रकरण में 'रेशियल प्रोफाइलिंग' शामिल थी।

यह भी पढ़ें: रश्मि सामंत बनीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष

इस्तीफा देते हुए रश्मि ने कहा था, 'मैं छात्र समुदाय का विश्वास गंवा चुकी हूं और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगती हूं। छात्र समुदाय मुझे इस पद के लिए अनुपयुक्त मानता है। प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद जिस तरह से कुछ घटनाएं हुई हैं, उससे मैं मानती हूं कि यह मेरे लिए इस्तीफा देने का सही समय है। आपने मुझे प्रेसिडेंट के तौर पर चुना यह मेरे लिए गर्व की बात है।' कर्नाटक के उडुपी की रहने वाली रश्मि ने इस प्रकरण के बाद घर लौटने का निर्णय किया है, जहां उन्होंने अपने परिवार के साथ रहते हुए पश्चाताप करने की बात कही है। उन्होंने अपने अधिकतर सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिए हैं।

यह भी पढ़ें: ब्रिटिश संसद में भारत के किसान आंदोलन की चर्चा, भारत सरकार ने जताया एतराज़

रश्मि के मुद्दे को राज्यसभा में उठाया जाना, ब्रिटेन को एक संदेश देने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। केंद्र सरकार ने यह मामला ऐसे समय में उठाया है जब ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन को मोदी सरकार पर कई बार निशाना साधा गया है। बीते दिनों किसान आंदोलन पर डेढ़ घंटे का चर्चा सत्र भी रखा गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत ने अपनी संसद में नस्लभेद का मुद्दा उठाकर ब्रिटेन को एक संदेश देने की कोशिश की है।