रिपब्लिक टीवी ने पैसे देकर बढ़वाई टीआरपी, दो और चैनल भी फर्जीवाड़े में शामिल: मुंबई पुलिस

Republic TV Scam: रिपब्लिक समेत 3 चैनलों के नाम इस रैकेट में जुड़े, इन चैनलों से जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा

Updated: Oct 09, 2020, 03:49 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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मुंबई। रिपब्लिक टीवी समेत तीन टीवी चैनल फर्जीवाड़ा करके गलत ढंग से टीआरपी यानी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स बढ़वाने का काम करते थे। ये बहुत बड़ा खुलासा मुंबई पुलिस ने किया है। उसने फर्जी ढंग से टीआरपी बढ़ाने के बहुत बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करने दावा किया है। इस रैकेट का खुलासा मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदते थे। इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन चैनलों से जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि फ्रॉड टीआरपी के रैकेट का पता बार्क (BARC) की शिकायत के बाद की गई क्राइम ब्रांच की जांच में चला है। परमबीर सिंह ने कहा कि इस रैकेट के जरिए टीआरपी को मैनुपुलेट किया जा रहा था और फेक एजेंडा चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि हमें फेक प्रोपेगैंडा यानी झूठी खबरें चलाने के धंधे की शिकायत मिली थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने छानबीन की और इस रैकेट का भंडाफोड़ किया। रिपब्लिक के प्रमोटर और डायरेक्टर के खिलाफ जांच की जा रही है। हिरासत में लिए गए लोगों ने यह बात स्वीकार की है कि ये चैनल पैसे देकर टीआरपी बदलवाते थे। पुलिस के मुताबिक रिपब्लिक के अलावा बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनल भी इस खेल में शामिल हैं। परमबीर सिंह ने बताया कि इन चैनलों के एडवटाइजर्स से पूछताछ की जाएगी। रिपब्लिक टीवी के बैंक अकांउट और एडवटाइजर्स से मिले फंड की जांच भी होगी। अगर कुछ आपत्तिजनक मिला तो बैंक खातों को फ्रीज भी किया जा सकता है।

क्या अर्णब गोस्वामी से भी होगी पूछताछ

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को पूछताछ के लिए बुलाने के सवाल पर परमबीर सिंह ने कहा कि जो भी इस फ्रॉड में शामिल हैं, वो चाहे कितने भी ऊंचे पद पर हों, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और आगे की जो उचित कार्रवाई होगी की जाएगी। परमबीर सिंह ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के कुछ लोगों को आज या कल समन किया जाएगा।
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रिपब्लिक भारत के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

पुलिस ने बताया है कि मामले में रिपब्लिक समेत सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी। परमजीत सिंह ने बताया है कि इन चैनलों के बैंक खातों को सीज किया जाएगा साथ ही इस बात पर पुलिस विचार कर रही है कि फेक टीआरपी की बदौलत विज्ञापनों से जो काली कमाई की गई है वह अपराध का हिस्सा मानी जाएगी या नहीं। पुलिस के मुताबिक टीआरपी के इस खेल में रिपब्लिक भारत के मालिक को नोटिस भेजा जाएगा साथ ही चैनल के प्रोमोटर्स की भी जांच की जाएगी।

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कैसे चल रहा था टीआरपी का खेल?

कमिश्नर ने बताया कि जांच के दौरान ऐसे घर मिले हैं, जहां टीआरपी का मीटर लगा होता था। इन घरों के लोगों को पैसे देकर दिनभर एक ही चैनल चलवाया जाता था, ताकि चैनल की टीआरपी बढ़े। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ घर तो ऐसे पता चले हैं, जो बंद थे, उसके बावजूद अंदर टीवी चलते थे। एक सवाल के जवाब में कमिश्नर ने यह भी कहा कि इन घर वालों को चैनल या एजेंसी की तरफ से रोजाना 500 रुपये तक दिए जाते थे।

बता दें कि टीआरपी का हिसाब रखने वाली एजेंसी बार्क (BARC) ने यह काम हंसा नाम की एक एजेंसी को दिया है। आरोप है कि हंसा के पास मुंबई के करीब दो हजार टीआरपी मीटर्स के मेंटेनेंस का जिम्मा था जिसके बदौलत वह टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रही थी। पुलिस के मुताबिक जिन घरों में यह कॉन्फिडेंसियल मीटर्स लगाए गए थे उन घरों में खास चैनलों को चलाने के लिए पैसे दिए जाते थे। इसी तरह से फर्जी टीआरपी का खेल चलता है।

रिपब्लिक टीवी ने साधी चुप्पी

खबर लिखे जाने तक मामले में रिपब्लिक टीवी समूह चुप्पी साधे हुए है। चैनल की ओर से मामले में अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं पुलिस ने इस अवैध खेल से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया है।

बार्क क्या है
ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रीसर्च काउंसिल यानी कि बार्क स्टेकहोल्डर बॉडी द्वारा स्थापित है, जो ब्रॉडकास्टर्स (IBF), विज्ञापनदाताओं (ISA) और विज्ञापन एवं मीडिया एजेंसियों (AAAI) का प्रतिनिधित्व करता है। तमाम टीवी चैनलों की  टीआरपी का हिसाब रखने का काम यही एजेंसी करती है।