CAA और NRC से नहीं होगी किसी भी मुसलमान को दिक्कत, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की टिप्पणी

संघ प्रमुख असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं, दौरे के पहले दिन बुधवार को उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि अल्पसंख्यकों के हितों का खयाल रखा जाएगा, जिसका पालन हम आज तक कर रहे हैं

Updated: Jul 22, 2021, 04:18 AM IST

गुवाहाटी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने NRC और CAA को लेकर कहा है कि इन कानूनों से देश के किसी भी मुसलमान को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। भागवत ने कहा है कि इन कानूनों से किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ बनाया हुआ कानून नहीं है। इसलिए इससे किसी भी मुसलमान को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 

मोहन भागवत ने कहा कि इन दोनों कानूनों का हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन से कोई लेना देना नहीं है। भागवत ने कहा कि केवल राजनीतिक लाभ के कारण इसे सांप्रदायिक रूप दिया गया। भागवत ने कहा कि बंटवारे के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि हम अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे। इसलिए हम आज तक इसी परंपरा का पालन कर रहे हैं। 

हालांकि भागवत ने ज़रूर कहा कि 1930 के बाद मुसलमानों ने तेज़ी से जनसंख्या बढ़ाने के प्रयास किया। यह प्रयास असम, बंगाल, पंजाब और सिंध में ज्यादा किए गए। भागवत ने कहा इसके पीछे उद्देश्य भारत को पाकिस्तान बनाने का था। भारत के विभाजन से यह कुछ हद तक सही साबित हो गया, लेकिन उन्हें जैसे पूरा भारत ही पाकिस्तान जैसा चाहिए था, वैसा नहीं हो पाया। 

मोहन भागवत असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं। बुधवार को दौरे के पहले दिन उन्होंने ये बाते कहीं। भागवत ने कहा कि भारत को किसी भी देश से लोकतंत्र या धर्मनिरपेक्षता का पाठ सीखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह सभी चीजें हमारी परंपराओं में पहले से ही मौजूद हैं।