सचिन पायलट ने बैलगाड़ी से पहुंचकर की जनसभा, कृषि क़ानूनों के खिलाफ मोदी सरकार पर बोला हमला

सचिन पायलट टोंक विधानसभा क्षेत्र के दो दिन के दौरे पर हैं, इसी दौरान काबरा गांव में वे खुद बैलगाड़ी चलाकर सभास्थल पर पहुंचे

Updated: Jan 11, 2021, 12:36 PM IST

जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक के दो दिवसीय दौर पर हैं। पायलट के दौरे के पहले दिन एक बेहद ही दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली। सचिन पायलट एक गांव में खुद बैलगाड़ी हांकते हुए सभास्थल पर भाषण देने पहुंचे। 

दरअसल यह वाकया टोंक विधानसभा क्षेत्र के काबरा गांव का है, जहां सचिन पायलट ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में शामिल होने के लिए सचिन पायलट जब बैलगाड़ी से पहुंचे तो उन्हें देखकर लोग हैरान रह गए। इससे पहले पायलट घांस गांव में ट्रैक्टर पर सवार होकर सभास्थल पर पहुंचने वाले थे,  लेकिन सुरक्षा कारणों से वे ऐसा नहीं कर पाए। 

 

 

सचिन पायलट अपने निर्वाचन क्षेत्र के कुल 21 ग्राम पंचायतों के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पायलट के इस दो दिवसीय दौरे की शुरुआत रविवार को ही हुई है। पायलट अपने इस दौरे में क्षेत्र के किसानों को कृषि कानूनों के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं। 

इस दौरान लोगों के बीच दिए गए भाषणों में पायलट ने मोदी सरकार और उसके नए कृषि कानूनों पर जमकर हमला बोला। सचिन पायलट ने कहा कि पिछले एक महीने से भी ज़्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान ठंड का सामना करते हुए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार का दिल अब तक पसीजा नहीं है। सरकार न तो इन तीनों काले कानूनों को वापस ले रही है और न ही एमएसपी की कानूनी गारंटी देने को तैयार है। पायलट ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट साफ नज़र आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत में खोट का पता इस बात से चलता है कि उसने इन कानूनों को लागू करने से पहले किसी भी राजनीतिक दल या किसान संगठन से चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझा। 

इसके साथ पायलट ने किसान आंदोलन के बारे में अमर्यादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी के नेताओं पर भी तीखा हमला किया। पायलट ने किसी नेता का अलग से नाम लिए बिना ही कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा किसानों के लिए लगातार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत और गैर जिम्मेदाराना बर्ताव है। सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी की सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है, सिर्फ बार-बार बैठक पर बैठक किए जा रही है। पायलट ने कहा कि सरकार दरअसल किसानों को थकाकर उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है।