वरिष्ठ पत्रकार निधि राज़दान हुईं बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकार, ट्विटर पर शेयर की आपबीती
दो दशक तक NDTV से जुड़ी रहीं निधि राज़दान के मुताबिक़ उन्हें हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोशिएट प्रोफ़ेसर के तौर पर ज्वाइन करने का जो ऑफ़र मिला था, वह दरअसल एक फ़िशिंग अटैक का हिस्सा था

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार निधि राज़दान ने अपने साथ हुई एक बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया है। लंबे अरसे तक NDTV से जुड़ी रहीं जानीमानी पत्रकार ने बताया है कि उन्हें हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोशिएट प्रोफ़ेसर के तौर पर ज्वाइन करने का दरअसल कोई ऑफ़र नहीं मिला। जिसे वो दुनिया की मशहूर यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का प्रस्ताव समझ रही थीं, वो दरअसल एक बड़े शातिराना तरीक़े के किए गए फ़िशिंग अटैक का हिस्सा था। निधि राज़दान ने पिछले साल ही एलान किया था कि अब वे सक्रिय पत्रकारिता करने की बजाय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज़्म पढ़ाने जा रही हैं। लेकिन इतने महीनों बाद अब जाकर पता चल रहा है कि वे तो एक बड़े फर्जीवाड़े की शिकार बन गई हैं।
निधि राज़दान ने अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से तो कर ही दी है, साथ ही उन्होंने इस बारे में अपनी पूरी आपबीती अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी शेयर की है। निधि ने लिखा है कि इस मामले में सोशल मीडिया पर ये उनका पहला और आख़िरी बयान है। यानी इसके बाद वे इस मुद्दे की चर्चा सोशल मीडिया पर नहीं करेंगी। निधि के मुताबिक़ वे सारी बातें इसलिए सोशल मीडिया पर रख रही हैं ताकि सभी लोगों को पता चल जाए कि दरअसल सच्चाई क्या है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
निधि ने अपने बयान में क्या लिखा है
निधि राज़दान ने ट्विटर पर जारी अपने बयान में लिखा है, “जून 2020 में एनडीटीवी में 21 साल तक काम करने के बाद मैंने आगे बढ़ने का फ़ैसला किया और बताया कि मैं जर्नलिज़्म की एसोशिएट प्रोफ़ेसर के रूप में हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने जा रही हूँ। मुझे जो जानकारी मिली थी, उसके मुताबिक़ मुझे सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी ज्वाइन करनी थी। इसके बाद मैं अपने नई ज़िम्मेदारी सँभालने के लिए ज़रूरी तैयारी करने में व्यस् हो गई, तभी मुझे बताया गया कि दुनिया भर में फैली महामारी के कारण मेरी कक्षाएँ अब जनवरी 2021 में शुरू होंगी। यह सूचना मिलने के साथ ही मुझे वहाँ ज्वाइन करने की जो प्रक्रियाएँ बताई जाने लगीं वे मुझे कुछ अटपटी सी लग रही थीं। पहले तो मुझे लगा कि ये सब महामारी के कारण दुनिया भर में हो रहे बदलाव का असर है और मैंने उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन हाल ही में मुझसे कुछ ऐसी बातें की गईं, जो और भी परेशान करने वाली थीं। लिहाज़ा मैंने स्पष्टीकरण के लिए हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। उनके अनुरोध पर मैंने उस पत्र-व्यवहार का कुछ हिस्सा उन्हें भेजा, जो मेरे हिसाब से यूनिवर्सिटी की तरफ़ से मुझे भेजा गया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने जो जवाब भेजा उससे पता चला कि मैं एक बेहद शातिर और सधे हुए तरीक़े से किए गए फ़िशिंग अटैक की शिकार बन गई हूं।"
निधि राज़दान ने आगे बताया है, "दरअसल, मुझे हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने पत्रकारिता के एसोशिएट प्रोफ़ेसर के तौर पर ज्वाइन करने का कोई ऑफ़र नहीं दिया था। फ़िशिंग अटैक करने वालों ने बड़ी चालाकी से की गई जालसाज़ी और ग़लत सूचनाओं के ज़रिये न सिर्फ़ मेरे पर्सनल डेटा और कम्युनिकेशन तक पहुँच बना ली, बल्कि मुझे शक है कि उन्होंने मेरे डिवाइसेज़, ईमेल और सोशल मीडिया एकाउंट्स में भी सेंध लगा दी होगी। इस हमले की गंभीरता को देखते हुए मैंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और उन्हें तमाम दस्तावेज़ी सबूत भी मुहैया करा दिए हैं। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे इस ख़तरनाक हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को पहचानकर उन्हें गिरफ्तार करने और उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने की दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाएँ। इसके साथ ही मैंने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने का अनुरोध भी किया है।”
निधि राज़दान ने अपने बयान के अंतिम हिस्से में लिखा है, “पिछले कुछ दिनों के दौरान मैंने उन लोगों को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी है, जिनसे पिछले कुछ महीनों के दौरान मैंने पत्र-व्यवहार किए थे। मुझे उम्मीद है कि पुलिस मुझ पर हुए इस फ़िशिंग अटैक की तह तक पहुँचने में सफल होगी और इस अप्रिय घटनाक्रम को सही अंजाम तक पहुँचाने में मेरी मदद करेगी।”
पिछले साल 13 जून को निधि राज़दान ने अपने एनडीटीवी छोड़ने की जानकारी भी ट्विटर के जरिए ही लोगों को दी थी। उस वक्त उनके इस एलान की काफी चर्चा हुई थी। निधि ने भी एनडीटीवी के साथ अपने इतने पुराने सफर को बड़े भावुक अंदाज़ में याद करते हुए आगे बढ़ने का एलान किया था। अब जाकर पता चल रहा है कि निधि ने तब जो खुलासा किया था, वो दरअसल उनके साथ हुई धोखाधड़ी का नतीजा था।
I will miss my colleagues deeply. Most of all, I want to thank @PrannoyRoyNDTV @radhikaroyndtv for being the most incredible mentors and bosses. You took me in as a 22 year old and believed in me. I never say never, so TV may one day beckon again. Wish me luck
— Nidhi Razdan (@Nidhi) June 13, 2020
निधि राज़दान जैसी सजग, प्रबुद्ध और तेज़-तर्रार पत्रकार के साथ हुई धोखाधड़ी की यह घटना वाकई चौंकाने वाली और तमाम अन्य लोगों के लिए चेतावनी की घंटी है। साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए ज़िम्मेदार एजेंसियों को भी इसे एक चुनौती की तरह लेकर सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके एक मिसाल पेश करनी चाहिए।