Shri Ram Mandir: शंकराचार्य ने कहा 5 अगस्त अशुभ घड़ी

Digvijaya Singh : हमारी हजारों साल की मान्यताओं के साथ कुठाराघात और धार्मिक विषय पर राजनीति न करें PM Modi

Updated: Jul 24, 2020, 11:02 PM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को राम मंदिर की भूमि पूजन और नींव रखने के मुहूर्त पर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तय समय पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मुहूर्त को अशुभ बताते हुए कहा है कि अगर इस दिन राम मंदिर का भूमिपूजन किया जाता है तो वह विनाशकारी साबित होगा।

स्वरूपानंद के इस बयान के बाद देशभर से तारीख में बदलाव की मांगें तेज हो गयी है। स्वरूपानंद के शिष्य और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धार्मिक विषय पर राजनीति और मान्यताओं के साथ कुठाराघात न करने की नसीहत दी है।

हिन्दू धर्म के मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास में किसी नए कार्य का शुरुआत करना अशुभ माना जाता है। वहीं धर्मग्रंथों में भी इस बात का वर्णन है कि इस मास में किए गए नए कार्य विनाशकारी होते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखने जा रहे हैं जिसका मुहूर्त भाद्रपद मास में है। इस बात को लेकर आदिगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, '5 अगस्त को अयोध्या राम मंदिर निर्माण के आरंभ का कोई मुहूर्त नहीं है। अपने हर छोटे-बड़े कार्य को शुभ मुहूर्त में सम्पन्न करने वाला सनातनी समाज आज दुःखी है कि पूरे देश के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र राममन्दिर बिना शुभ मुहूर्त के आरंभ होने जा रहा है। 

क्यों अशुभ है यह मुहूर्त ?

शंकराचार्य ने बयान जारी कर बताया है कि 5 अगस्त 2020 को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है। विष्णु धर्म शास्त्र में स्पष्ट कहा गया है कि 'प्रोष्ठपादे विनश्यति' अर्थात भाद्रपद मास में किया गया शुभारंभ विनाश का कारण होता है। वास्तु शास्त्र का कथन है कि 'भाद्रपदे न कुर्यात् सर्वथा गृहम्।' 'दैवज्ञ बल्लभ नाम के ग्रंथ में कहा गया है कि 'निः स्वं भाद्रपदे' अर्थात् भाद्रपद में किया गया गृहारंभ निर्धनता लाता है। वास्तु प्रदीप भी इसी बात को अपने शब्दों में 'हानिर्भाद्रपदे तथा' कहता है। वास्तु राजवल्लभ का वचन भी देखिए जो 'शून्यं भाद्रपदे' अर्थात् भाद्रपद का आरंभ शून्य फल देता है। इसलिए इस घोषित तिथि में शुभ मुहूर्त कत्तई ना होने के कारण इस अवसर पर किया गया आरंभ देश को बड़ी चोट पहुंचाने वाला हो सकता है।'

मंदिर के जगह संघ कार्यालय का हो रहा निर्माण

शंकराचार्य ने कहा है कि आराधना स्थल का निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है तो उसे शुभ मुहूर्त में शास्त्र विधान के अनुसार ही बनाना चाहिए लेकिन ऐसा न करके ममनमानी किया जा रहा है जिससे आशंका स्पष्ट है कि वहां मंदिर नहीं बल्कि संघ कार्यालय का निर्माण किया जा रहा है। 

राज्य सभा सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी जी हमारे हिंदू धर्म के सबसे वरिष्ठ धर्मगुरु के विचार पर गौर कर सभी प्रमाणित शंकराचार्य जी लोगों को आमंत्रित कर शुभ मुहूर्त में ही शिलान्यास करवाना उचित होगा। कृपया हमारे हज़ारों साल की मान्यताओं के साथ कुठाराघात ना करें। यह धार्मिक विषय है राजनीति को कृपया दूर रखिए।'