... तो 2022 तक जारी रखनी होगी सोशल डिस्टेंसिंग

यदि आप सोचते हैं कि कोविड 19 पर काबू पाते ही लॉकडाउन खोल दिया जाएगा तो आप गलतफहमी में हैं। अध्ययन बता रहा है कि खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग 2022 तक बरतनी होगी।

Publish: Apr 17, 2020, 01:57 AM IST

यदि आप सोचते हैं कि कोविड 19 पर काबू पाते ही जल्‍द लॉकडाउन खोल दिया जाएगा तो आप गलतफहमी में हैं। अध्‍ययन बता रहा है कि सर्द तापमान में वायरस लगातार सिर उठाता रहेगा। और चूंकि, अभी कोरोना का कारगर इलाज खोजने में समय लगेगा, इसलिए संक्रमण को दोबारा महामारी बनने से रोकने के लिए 2022 तक दीर्घकालिक या फिर-फिर टुकड़ों-टुकड़ों में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करनी पड़ेगी।

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन पर साइंस जर्नल में बुधवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा परिस्थितियों में दुनिया भर में लोगों को 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ सकता है। ये रिपोर्ट हार्वर्ड टी.एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिसर्च टीम की स्टडी पर आधारित है हालांकि रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि "बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, जैसे अधिक बेड, वेंटिलेटर, स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदगी के चलते दुनिया वायरस से जल्दी उभर पाएगी और उतना ही कम समय हमें अपने-अपने घरों में बंद रहना होगा"

शोधकर्ताओं ने सिंगापुर और दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए लिखा है, "सोशल डिस्टेंसिंग वायरस से लड़ने का कारगर उपाय है। इससे हेल्थ केयर सिस्टम पर कम प्रभाव पड़ता है और संक्रमित व्यक्ति किन लोगों के संपर्क में आया ये पता लगाना आसान होता है। ऐसे में क्वारैंंटाइन भी बेहतर तरीके से संभव होता है।"

वहीं कई विशेज्ञषों ने जोर देकर कहा कि स्टडी में कही गई बातें अनुमान पर आधारित हैं, "हमें अब भी वायरस के बार में सब कुछ नहीं पता है।"

स्टडी में सोशल डिस्टेंसिंग का आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों पर होने वाले प्रभावों को भी रेखांकित किया गया है। स्टडी के मुताबिक पूरी तरह खत्म होने के बाद भी SARS-CoV-2 पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए क्योंकि 2024 तक वायरस के दोबारा लौटने की संभावना है. स्टडी के अनुसार कोविड 19 हर सर्दियों में आ सकता है।

वहीं डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि संक्रमण "निश्चित रूप से" अभी तक चरम पर नहीं पहुंचा है। दुनिया भर में करीबन 20 लाख लोग कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आए हैं. ये वायरस विश्व में 1,34,000 लोगों की जान ले चुका है। यह पिछली एक सदी में आई सबसे भयंकर महामारी है। ये वायरस संक्रमण बीते साल दिसंबर में चीन से शुरू हुआ। पहले इसका केंद्र चीन का वुहान शहर था जिसके बाद अब अमेरिका में इसका केंद्र है जहां सबसे अधिक 30 हजार 844 लोगों की मौत हुई है।