भारी बर्फबारी के बीच BJY का समापन समारोह, राहुल बोले- हिंदुस्तान मोहब्बत और भाईचारे का देश है

भारी बर्फबारी के बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को श्रीनगर में खत्म हो गई। यह 145 दिन पहले 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी।

Updated: Jan 30, 2023, 02:49 PM IST

श्रीनगर। भारी बर्फबारी के बीच कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को श्रीनगर में खत्म हो गई। शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में यात्रा के समापन के अवसर पर अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि जो भी इस बर्फबारी के बीच खड़े हैं उन्हें सर्दी नहीं लग रही। बारिश हुई लेकिन कोई भीगा नहीं। क्योंकि देश की शक्ति आपके साथ है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था तब मुझे ठंड लग रही थी। मैंने कुछ बच्चे देखे। वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे। मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए। जो भी लोग इस बर्फबारी के बीच खड़े हैं उन्हें सर्दी नहीं लग रही। बारिश हुई लेकिन कोई भिगा नहीं। क्योंकि देश की शक्ति आपके साथ है। 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, "मुझे डराने के लिए कहा गया कि आप पैदल चलेंगे तो आपके ऊपर ग्रेनेड फेंके जाएंगे। मैने सोचा जो मुझसे नफरत करते हैं कि उन्हें क्यों न एक मौका दूं कि वे मेरे सफेद शर्ट का रंग लाल कर दें। मेरे परिवार ने मुझे सिखाया है कि जीना है तो डरे बिना जीना है। तो मैने मौका दिया... बदल दो टी शर्ट की रंग... लाल कर दो। लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं दिया, मुझे दिल खोलकर प्यार दिया। गले लगाया। सब ने मुझे अपना माना, बच्चों से बुजुर्गों ने प्यार से आंसुओं से मेरा स्वागत किया।" 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, "मैं जम्मू कश्मीर के लोगों से और यहां जो सेना के लोग काम करते हैं उनसे कुछ कहना चाहता हूं। मैं हिंसा को समझता हूं मैने हिंसा सही है, मैने हिंसा देखी है। जो हिंसा को नहीं सहा नहीं देखी उन्हें ये बात समझ नहीं आएगी। जैसे मोदी शाह आरएसएस के लोगों ने हिंसा नहीं सही। वे डरते हैं। मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि बीजेपी का कोई नेता पैदल नहीं चल सकता। इसलिए की वे डरते हैं। मैं जब 14 साल का था, स्कूल में था, घर से कॉल आया और बताया गया कि राहुल दादी को गोली मार दी। मैने वो जगह देखी जहां दादी का खून था। 6-7 साल बाद जब मैं अमेरिका में था फिर से टेलीफोन आया... कि पापा नहीं रहे। मैं इस फोन कॉल का दर्द समझ सकता हूं। पुलवामा के सैनिकों के बच्चों के दिल में क्या हुआ होगा मैं समझ सकता हूं।" 

राहुल गांधी ने आगे कहा, "कल किसी पत्रकार ने मुझसे पूछा यात्रा का क्या लक्ष्य है? यात्रा का लक्ष्य है कि इस तरह का फोन कॉल बंद हो जाए। ये फोन कॉल किसी बच्चे को, किसी मां को न लेना पड़े। मेरा लक्ष्य ये फोन कॉल बंद कराने का है। बीजेपी आरएसएस के लोग मुझे गाली देते हैं, मैं दिल से उनका धन्यवाद देता हूं। जितना भी वे प्रेशर डालें मैं उनसे सीखना चाहता हूं। जो विचारधारा इस देश की नींव को तोड़ने की कोशिश कर रही है, उसके खिलाफ हमें खड़ा होना है। नफरत से नहीं प्यार से खड़ा होना है। उन्हें सिर्फ हराना नहीं है, बल्की उनके दिलों से उस विचारधारा को निकालना है। हिंदुस्तान मोहब्बत और भाईचारे का देश है।"

इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि, "सत्य, अहिंसा और प्रेम के आधार पर इस देश की नींव रखी है, वो हम बरकरार रखेंगे। मैं सबको धन्यवाद देती हूं कि आज मेरे देश में रोशनी की किरण जगाई है। यात्रा में रोशनी की एक किरण दिखी। आज जो राजनीति देश में चल रही है उससे देश का भला नहीं होगा, ये तोड़ने-बांटने, नफरत की राजनीति है। ये नफरत खत्म होगी और प्रेम ही सबको जोड़ेगा"

इस दौरान पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा, "राहुल, तुमने कहा था कि तुम कश्मीर में अपने घर आ गए हो। यह तुम्हारा घर है। मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया, वह इस देश से वापस मिल जाएगा। गांधी जी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देख सकते हैं। आज देश राहुल गांधी में आशा की किरण देख सकता है।"