अफगान संकट पर अमेरिका की आलोचना करने का नहीं है हमें कोई नैतिक अधिकार, सुब्रमण्यम स्वामी ने कसा तंज

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान को खतरे से बचाने के लिए अपनी सेना भेज सकती थी, लेकिन हम बस मूकदर्शक बने रहे

Updated: Aug 27, 2021, 07:26 AM IST

नई दिल्ली। अमूमन अपनी ही पार्टी की सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मर्तबा अफगान संकट को लेकर सरकार के रवैए की आलोचना की है। बीजेपी नेता ने कहा है कि हमें अफगान संकट पर अमेरिका की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि हमें अमेरिका के अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाए जाने के फैसले का विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। क्योंकि हमने भी वही किया है। स्वामी ने कहा कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से जाते ही हम अपनी सेना भेज सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। 

बीजेपी नेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर अफगानिस्तान मसले को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की आलोचना करने का क्या हम भारतीयों को कोई नैतिक अधिकार है? अफगानिस्तान हमारे कश्मीर बॉर्डर से लगा हुआ है, अगर हम चाहते तो अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने पर हम अपनी सेना अफगानिस्तान में भेज सकते थे, लेकिन हमने ऐसा कुछ नहीं किया। हम यह सोच कर मूकदर्शक बने रहे कि कोई और नहीं आया तो हम क्यों जाएं?

इस बेबाकी के साथ अपने विचार प्रकट करने के लिए बीजेपी नेता की तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर अपनी ही सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए सोशल मीडिया पर लोग सुब्रमण्यम स्वामी की तारीफ कर रहे हैं। खुद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मैं सुब्रमण्यम स्वामी का कोई प्रशंसक नहीं हूं, लेकिन उनके साहस की दाद देता हूं। 

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत काबिज हो चुकी है। तालिबान अब अपनी सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। गुरुवार को ही काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में 90 अफगान नागरिकों और 13 अमरीकी सैनिकों के मारे जाने की खबर है। उधर भारत सरकार अफगानिस्तान संकट पर वेट एंड वॉच के मोड में है।