UGC Exams 2020: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10 अगस्त तक टली

Supreme Court: सितम्बर अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के निर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Updated: Aug 01, 2020, 10:55 PM IST

photo courtesy : moneycontrol.com
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नई दिल्ली। सितम्बर अंत तक देश भर के सभी विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाओं के आयोजन के यूजीसी के दिशानिर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को परीक्षाओं को लेकर गृह मंत्रालय का पक्ष रखने के लिए 7 अगस्त तक एफिडेविट जमा करने के लिए कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई अब 10 अगस्त को होगी। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हाल ही में दिशानिर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार 30 सितम्बर तक देश के हर विश्वविद्यालय को अंतिम वर्ष की परीक्षाओं की प्रक्रिया पूरी करनी है। यूजीसी के इस दिशानिर्देश के खिलाफ विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ताओं का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कोरोना महामारी के संकट काल में परीक्षाओं का आयोजन खतरे से ख़ाली नहीं है। 

वहीं आज सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि देश भर के विश्वविद्यालयों के पास ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन कराने की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में यूजीसी के ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में जारी दिशानिर्देशों का पालन करना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने संघवी के इस पक्ष के जवाब में कहा कि यूजीसी ने ऑफलाइन परीक्षाओं की भी व्यवस्था की है। इस पर अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि बहुत से विद्यार्थी स्थानीय हालात और बीमारी के चलते परीक्षा नहीं दे पाएंगे। 

यूजीसी का फैसला जीवन के अधिकार का उल्लंघन 
रेखांकित करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के याचिकाकर्ताओं में एक कोरोना पॉजिटिव छात्र भी शामिल है। सुनवाई के दौरान उसने कहा कि ऐसे कई अंतिम वर्ष के छात्र हैं, जो या तो खुद या उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं। ऐसे छात्रों को 30 सितम्बर 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए मजबूर करना, संविधान में वर्णित अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है। 

अपनी पढ़ाई जारी रखें छात्र 
शीर्ष अदालत में सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि किसी को इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने यह परीक्षा रोक दी है। मेहता ने कहा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए।