कोरोना मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

SC में लगी याचिकाओं में मांग की है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोरोना महामारी से मारे गए लोगों की मौत पर परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, केंद्र ने कहा था कि साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत पर मुआवजा देने से वित्तीय भार बढ़ेगा, केंद्र ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट नितिगत मामले कार्यपालिका पर छोड़े

Publish: Jun 21, 2021, 09:27 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना से मरने वालों के परिवार को अनुग्रह राशि मामलों के याचिकाओं पर सुनवाई की। करीब 2 घंटे तक इस मामले की सुनवाई हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।  याचिका के जरिए मांग की गई थी कि कोविड 19 वायरस संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज अशोक भूषण और एमआर शाह की विशेष अवकाश पीठ ने सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट एसबी उपाध्याय समेत कई वकीलों ने करीब 2 घंटे तक दलीलें दीं।

सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों तीन दिन में लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है। वहीं याचिका के जरिए कोरोना मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग भी की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा है कि कोरोना से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा।

मुआवजे पर केंद्र का तर्क है कि कोरोना मृतकों की परिजनों को 4 लाख की अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है। लाखों लोगों को मुआवजा देने से केंद्र और राज्य सरकारों पर वित्तीय संकट आ सकता है।

केंद्र की सफाई है कि महामारी की वजह से हेल्थ सेक्टर में ज्यादा खर्चा करना पड़ रहा है। कोरोना के दौरान आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। टैक्स वसूली नहीं हो रही है, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों की आर्थिक गड़बड़ा गई है।

ऐसे में कोरोना मृतकों के परिवारों को चार लाख रुपया मुआवजा नहीं दिया जा सकता ऐसा करने से कोरोना से लड़ाई में दिक्कतें होंगी। वहीं सरकार का कहना है कि आपदा कानून के माध्य़म से केवल प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में ही मुआवजा दिया जाना उचित होगा। इनमें भूकंप, बाढ़ शामिल हैं। वहीं अगर किसी एक बीमारी के मृतकों को अनुग्रह राशि बांटी जाएगी दूसरी पर नहीं तो ये सही नहीं होगा।

देशभर में कोरोना मृतकों की संख्या 3 लाख 86 हजार से 713 से ज्यादा है। ऐसे में अगर लोगों के परिवारों को मुआवजा बांटा जाएगा, तो केंद्र पर गंभीर वित्तीय संकट आने की आशंका है। जिसके चलते अब केंद्र की ओर से कहा जा रहा है कि नीतिगत मामलों को कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए। ऐसे में कोर्ट इस संबंध में कोई फैसला नहीं सुना सकती है।