TRP Scam: मुंबई पुलिस ने BARC के पूर्व COO को गिरफ्तार किया

टीआरपी घोटाला मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को किया गिरफ्तार, TRP घोटाले में पुलिस की यह 14वीं गिरफ्तारी

Updated: Dec 18, 2020, 12:24 AM IST

Photo Courtesy: India today
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मुंबई। टेलीविजन रेटिंग प्वांइट याने फर्जी TRP केस में पुलिस ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व COO को गुरुवार की दोपहर गिरफ्तार कर लिया। पूर्व सीओओ का नाम रोमिल रामगढ़िया है। इस मामले में पुलिस अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

दरअसल मामले की जांच में जुटी पुलिस को टीआरपी स्कैम मामले में रोमिल रागगढ़िया के शामिल होने की बात पता चली थी। जिसके बाद अब रोमिल को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूर्व सीओओ की पेशी अदालत में होगी। वहीं इसी मामले में रविवार को पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी को भी गिरफ्तार किया था। जिसे बुधवार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। कोर्ट में पुलिस ने खुलासा किया था कि रिपब्लिक टीवी ड्यूल फ्रीक्वेंसी तकनीक से TRP में हेराफेरी करता था। मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के पास इसके सबूत भी मौजूद होने का दावा किया गया था। 

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ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) द्वारा हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से कुछ चैनलों के विरूद्ध टीआरपी में गड़बड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस इस कथित घोटाले की जांच कर रही है।

दरअसल कुछ घरों में मशीनें लगाकर दर्शकों की संख्या का पता लगाया जाता है और टीआरपी मापी जाती है। टीआरपी जितनी ज्यादा होती है, उसी रेटिंग के हिसाब से विज्ञापन मिलते हैं। बार्क ने कुछ घरों में दर्शकों की संख्या रिकॉर्ड करने वाले बैरोमीटर लगाने और उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी हंसा कंपनी को सौंपी थी।

अब हंसा कंपनी पर आरोप लग रहे हैं कि कई घरों में बैरोमीटर लगाकर उन्हें टीवी पर कुछ खास चैनल देखने के लिए कहा जाता था, जिससे उनकी टीआरपी ज्यादा आ सके। इसके लिए उन्हें रिश्वत दिए जाने का भी आरोप है। इस मामले में रिपब्लिक टीवी के शामिल होने का आरोप है। हालांकि चैनल यही दावा करता आ रहा है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।