TRP Scam: ड्यूल फ्रीक्वेंसी से मैन्युप्लेट की जा रही थी TRP, मुंबई पुलिस का बड़ा खुलासा

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी की कोर्ट में पेशी के दौरान बताया है कि टीआरपी में हेरफेर के लिए ड्यूल फ्रीक्वेंसी तकनीक का सहारा लिया जाता था

Updated: Dec 14, 2020, 04:28 PM IST

Photo Courtesy: barandbench
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मुंबई। रिपब्लिक टीवी ड्यूल फ्रीक्वेंसी तकनीक से TRP को मैन्युप्लेट कर रहा था। यह खुलासा मुंबई पुलिस ने रविवार शाम को उस वक्त कोर्ट में किया, जब रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी को रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने यह भी दावा किया है कि उनके पास डायरेक्ट एविडेंस मौजूद हैं। मजिस्ट्रेट ने खानचंदानी को 15 दिसंबर तक के लिए कस्टडी में भेज दिया है। बता दें कि ड्यूल फ्रीक्वेंसी में एक चैनल दो नंबरों पर एयर होता है। 

फर्जी टीआरपी केस की जांच कर रही CIU का कहना है कि इस केस में पिछले महीने गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह से भी खानचंदानी के लिंक जुड़ रहे हैं। खानचंदानी की रिमांड से जुड़ी बहस के दौरान CIU की तरफ से सरकारी वकील ने कहा कि घनश्याम सिंह और विकास खानचंदानी के बीच की कुछ वॉट्सऐप चैट दुबारा प्राप्त की गई हैं। हम खानचंदानी का भी फोन चेक करना चाहते हैं। 

रिपब्लिक टीवी के सीईओ, विकास खानचंदानी को रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले खानचंदानी को कई बार स्टेटमेंट के लिए बुलाया गया था। रिपब्लिक टीवी की COO प्रिया मुखर्जी से भी कई बार पूछताछ हुई। प्रिया को कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। फर्जी TRP केस में अब तक 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। CIU ने पिछले महीने सभी के खिलाफ करीब 1400 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें रिपब्लिक टीवी सहित कुल छह चैनल से जुड़े लोग व अन्य आरोपी हैं।

CIU ने 140 लोगों को बनाया है गवाह

CIU ने सभी आरोपियों के खिलाफ 140 लोगों को गवाह बनाया है। इसमें ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) के अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, फॉरेंसिक ऑडिटर, विज्ञापनदाता, बैरोमीटर का इस्तेमाल करनेवाले लोग भी शामिल हैं। CIU ने अपने केस को मजबूत करने के लिए दो आरोपियों को अप्रूवर भी बनाया है। चार्जशीट दायर होने के बाद जो लोग गिरफ्तार किए जाएंगे, उनके खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया जाएगा।

तीन चैनलों पर लगा है TRP हेरफेर का आरोप

बता दें कि TRP घोटाले का खुलासा तब हुआ जब ब्रॉडकास्ट ऑडिंयस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिए शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि कुछ चैनल टीआरपी के आंकड़ों में छेड़छाड़ कर रहे हैं। अक्टूबर महीने में मुंबई पुलिस ने टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें सामने आया था कि लोगों को कुछ खास चैनल देखने के लिए पैसे दिए गए थे। 8 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने तीन चैनलों का नाम लिया, जिनमें सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का था। इसके अलावा फक़्त मराठी और बॉक्स सिनेमा पर भी टीआरपी घोटाले का आरोप लगा।

अर्नब भी हो सकते हैं गिरफ्तार

टीआरपी घोटाले में सीईओ की रिमांड के बाद अब रिपब्लिक टीवी एक बार फिर से मुश्किलों में फंसता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस आगे की जांच के बाद चैनल के एडिटर अर्नब गोस्वामी को भी गिरफ्तार कर सकती है। बता दें कि पिछले महीने ही अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने एक इंटीरियर डिजाइनर के सुसाइड मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह जमानत पर रिहा हैं।