Corona Vaccine: बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन के बीजेपी के चुनावी वादे पर उद्धव ठाकरे का सवाल, क्या देश के बाकी लोग बांग्लादेश से आए हैं

बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा, कोरोना वैक्सीन मुफ्त बांटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी, ऐसा ही बयान केंद्रीय वित्त मंत्री भी दे चुकी हैं, सवाल ये कि क्या मोदी सरकार कोरोना से निपटने में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है

Updated: Oct 26, 2020, 07:57 PM IST

Photo Courtesy: India Today
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मुंबई/पटना। बिहार चुनाव में बीजेपी के फ्री कोरोना वैक्सीन के वादे पर शिवसेना ने फिर से निशाना साधा है। इस बार खुद शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के इस वादे पर कड़ा एतराज़ जाहिर किया है। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत भी मुफ्त कोरोना वैक्सीन के बीजेपी के चुनावी वादे पर निशाना साध चुके हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में भी इस मसले पर मोदी सरकार की जमकर खिंचाई की गई है।

उद्धव ठाकरे ने दशहरे पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “एक तरफ आप हमें हमारे हिस्से का बकाया जीएसटी नहीं दे पा रहे हैं और दूसरी तरफ, आप बिहार में लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का वादा कर रहे हैं। इसके लिए पैसा कहां से आएगा? और शेष भारत का क्या होगा? क्या बाकी राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाकिस्तान से आए हैं, जो उन्हें कोरोना का टीका मुफ्त में नहीं मिलेगा? इन लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए, खासकर तब जब वे केंद्र में बैठे हैं।"

शिवसेना के अलावा आरजेडी और कांग्रेस समेत बिहार की विपक्षी पार्टियों ने भी चुनाव में मुफ्त कोरोना वैक्सीन के बीजेपी के चुनावी वादे की कड़ी आलोचना की है। इन सभी का कहना है कि कोरोना का टीका जब अब तक खोजा ही नहीं जा सका है, तो बीजेपी का उसके नाम पर लोगों से वोट मांगना मतदाताओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश से ज्यादा कुछ भी नहीं है। विपक्षी दल यह भी पूछ रहे हैं कि क्या बिहार में बीजेपी के हार जाने पर राज्य के लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं दी जाएगी? या जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें नहीं है, क्या उन्हें कोरोना की मुफ्त वैक्सीन नहीं मिलेगी। 

बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने बिहार में चुनाव जीतने पर मुफ्त कोरोना वैक्सीन बांटने के पार्टी के वादे का बचाव किया है। मनोज तिवारी का कहना है कि कोरोना वैक्सीन बांटना राज्य सरकारों का विषय है। बिहार में चुनाव हो रहा है। बिहार सरकार थोड़े ही महाराष्ट्र में वैक्सीन फ्री करेगी। इतना ही नहीं, मनोज तिवारी ने यह भी कह दिया कि कोरोना की जो वैक्सीन आने वाली है उसका खर्च लोग खुद उठाएं। 

कोरोना राष्ट्रीय आपदा, तो जिम्मेदारी राज्यों पर क्यों थोपी जा रही है

मनोज तिवारी की ये सफाई भी उतनी ही हैरान करने वाली है, जितना बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन बांटने का बीजेपी का चुनावी वादा। सवाल ये है कि जब कोरोना महामारी एक राष्ट्रीय आपदा है तो उससे निपटने का दारोमदार पूरी तरह राज्यों पर कैसे छोड़ा जा सकता है? प्रधानमंत्री मोदी ने जब कोरोना को राष्ट्रीय आपदा बताकर पूरे देश को महीनों लंबे लॉकडाउन में बंद कर दिया था, वो भी सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर, तब तो किसी राज्य से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया था। स्वास्थ्य इमरजेंसी के नाम पर राज्यों के तमाम अधिकार भी मोदी सरकार ने अपने हाथ में ले लिए। देश भर से सारे डोनेशन भी सीधे पीएम केयर्स फंड में जुटाए गए। और जब भविष्य में कोरोना वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने का सवाल उठ रहा है, तो सारा बोझ राज्यों पर डालने की बात की जा रही है। ये मसला गंभीर इसलिए है, क्योंकि देश का राजकाज चलाने में मनोज तिवारी की भले ही कोई हैसियत न हो, लेकिन कुछ ऐसा ही बयान देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन भी दे चुकी हैं। जिससे मोदी सरकार के इरादों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।