आंदोलन करने वाले किसान नहीं मवाली हैं, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का अभद्र बयान

मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये बात कही, बीजेपी नेता के इस बयान पर जमकर बवाल हो रहा है

Updated: Jul 22, 2021, 01:06 PM IST

ई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों पर अभद्र टिप्पणी की है। मोदी सरकार में मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि आंदोलन करने वाले लोग मवाली हैं। मीनाक्षी लेखी के इस विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोग मीनाक्षी लेखी और मोदी सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं।  

मीनाक्षी लेखी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन करने वाले किसान नहीं हैं बल्कि मवाली हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि इसका संज्ञान भी लिया जाना चाहिए। मीनाक्षी लेखी ने विपक्ष पर भी एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 26 जनवरी को जो कुछ भी हुआ वो शर्मनाक था, ऐसी आपराधिक गतिविधियों को विपक्ष ने बढ़ावा दिया। 

दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी पत्रकार ने किसानों की समस्या से जुड़ा सवाल केंद्रीय मंत्री से जब पूछना चाहा तब बजे नेता पत्रकार पर ही भड़क उठीं। मीनाक्षी लेखी ने पत्रकार से कहा कि आप फिर उन  लोगों को किसान बोल रहे हैं, मवाली हैं वो। 

मीनाक्षी लेखी के इस बयान के बाद न सिर्फ केंद्रीय मंत्री बल्कि पूरी मोदी सरकार अब निशाने पर आ गई है। सोशल मीडिया यूज़र्स केंद्रीय मंत्री के अभद्र बयान की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि इस बयान से मीनाक्षी लेखी ने मोदी सरकार को एक्सपोज कर दिया है। एक तरफ खुद प्रधानमंत्री मोदी संसद में आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं, कृषि मंत्री कहते हैं कि आंदोलन करने वाले किसानों से चर्चा करने के लिए हमारे दरवाज़े हमेशा खुले हैं। और दूसरी तरफ सरकार की ही एक ज़िम्मेदार मंत्री इतना गैर ज़िम्मेदाराना बयान दे रही हैं।

सोशल मीडिया पर लेखी के बयान की आलोचना करने वाले लोग कह रहे हैं कि इससे खुद मोदी सरकार एक्सपोज हो गई है। मंत्री की ओर से भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया ऐसा बयान यह साबित करता है कि आखिर मोदी सरकार असल मायनों में आंदोलन करने वाले किसानों के बारे में क्या राय रखती है।  

देश का अन्नदाता है किसान : राकेश टिकैत 

मीनाक्षी लेखी के विवादित बयान पर बवाल मचने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा सीधा और सटीक जवाब दिया है। राकेश टिकैत ने  स्पष्ट शब्दों में कहा है कि मवाली नहीं किसान हैं। किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है। 

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दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगभग आठ महीनों से कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान कितने ही किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। किसान और उनका परिवार ठण्ड, गर्मी, सरकार का उदासी रवैया सब कुछ सहन कर अपनी मांग को लेकर पिछले 8 महीनों से डटा हुआ है।आज ही से किसानों को दिल्ली के जंतर मंतर पर 200 की संख्या में प्रदर्शन करने की अनुमति मिली है। और इन सबके बीच मीनाक्षी लेखी को आंदोलन करने वाले किसान मवाली नज़र आ रहे हैं। 

पेगासस जासूसी काण्ड को भी बताया फर्जी 
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पेगासस जासूसी काण्ड को भी फर्जी करार दिया है। मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि पेगासस जासूसी काण्ड के संबंध में एमनेस्टी इंटरनेशनल और NSO ने भी मना कर दिया है। मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि ये सब नकारात्मक माहौल बनाने के लिए किया गया ताकि केंद्र सरकार संसद के इस सत्र में डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू न कर सके।