Delhi: लॉकडाउन में सुधरी आबोहवा

UN Report: लॉकडाउन के दौरान घटा दिल्ली में प्रदूषण, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड के स्तर में 70 फीसदी से अधिक की कमी

Updated: Jul 30, 2020, 10:52 PM IST

नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें कहा गया है कि नई दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में 70 प्रतिशत से अधिक कमी आई है।

यूएन की  रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आने वाले वक्त में कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया और वायु प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई गई, तो दोबारा प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में आई गिरावट से हुआ लाभ अस्थायी साबित होगा। यूएन की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के 90 फीसदी मामले शहरी इलाकों से आए हैं।

लॉकडाउन से प्रदूषण, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में आई कमी

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कई देशों में लगाए गए लॉकडाउन से प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में तेजी से गिरावट आई है। कई नए वैज्ञानिक रिसर्च से इस बात का पता चलता है कि प्रदूषित हवा का संबंध कोरोना से होने वाली हाई डेथ रेट से है। इतना ही नहीं शहरों की आबादी और उनकी वैश्विक और स्थानीय निर्भरता उन्हें कोरोना वायरस ट्रांसमीशन लिए खास तौर से कमजोर बनाती है।

 चीन, अमेरिका, बेल्जियम से ज्यादा साफ दिल्ली की हवा

रिपोर्ट के अनुसार अगर लॉकडाउन हटाते वक्त प्रदूषण कम करने और कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगाने की नीति नहीं अपनाई गई तो दोबारा प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है। दिल्ली में टोटल लॉकडाउन के दौरान नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। जबकि चीन के शहरी क्षेत्रों में 40 फीसदी की कमी आई। बेल्जियम और जर्मनी में 20 प्रतिशत की कमी आने के साथ अमेरिका के कई शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में 19 से 40 फीसदी की दर्ज की गई है।

प्रदूषण कम करने की नीति लागू करने पर जोर

यूएन की 'शहरी दुनिया में कोविड-19' की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों के आवागमन पर लगा प्रतिबंध वायु प्रदूषण को कम करने में कारगर साबित हुआ। लेकिन शहरों को बिना किसी नीति के दोबारा खोला गया तो यह उपलब्धि सिर्फ कुछ देर की साबित हो सकती है। लॉकडाउन के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण में आई कमी को स्थायी रखने के लिए शहरों को दोबारा खोलने से पहले प्रदूषण कम करने की नीति को लागू करना चाहिए तथा कार्बन उर्त्सजन को कम करने को बढ़ावा देना चाहिए।

अमेरिका और नीदरलैंड में डेथ रेट में 21.4 % की बढ़ोतरी

वहीं महीन कणों में आठ फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि अमेरिका और नीदरलैंड में डेथ रेट में 21.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूएन की रिपोर्ट में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के साथ-साथ मातृ मृत्युदर पर प्रकाश डाला गया है। कोरोना महामारी से सबसे अधिक वे लोग प्रभावित हुए हैं, जो पहले से ही सामाजिक-आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे।