वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त के ख़िलाफ़ FIR, उन्नाव केस की रिपोर्टिंग से जुड़ा मामला
बरखा दत्त ने कहा, कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूँ, यूपी पुलिस ने उन्नाव डबल मर्डर केस में ग़लत जानकारी फैलाने का लगाया है आरोप

उन्नाव। उन्नाव में दो दलित लड़कियों की हत्या से जुड़े ट्वीट्स के मामले में यूपी पुलिस ने अब वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। दरअसल पुलिस ने इस मामले में बरखा के न्यूज़ पोर्टल मोजो स्टोरी के ट्विटर हैंडर समेत कुल आठ ट्विटर हैंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने इसे पुलिस की उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश बताते हुए कोर्ट में लड़ाई लड़ने की बात कही है। यूपी पुलिस उन्नाव कांड के सिलसिले में कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
दरअसल, उन्नाव में तीन दलित लड़कियां एक खेत में बेसुध मिली थीं। उनमें दो की मौत हो गई, जबकि तीसरी अस्पताल में मौत से जूझ रही है। इस मामले में ऑनलाइन मीडिया ने लगातार रिपोर्टिंग करके इस मामले को हाइलाइट किया। यूपी पुलिस का आरोप है कि घटना की रिपोर्टिंग के दौरान बरखा दत्त के ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल मोजो स्टोरी समेत कई ट्विटर हैंडल्स पर गलत जानकारियां दी गईं।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ऐसा प्रचार किया कि पीड़ित परिवारों पर जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। पुलिस ने इस मामले में बरखा दत्त के मोजो स्टोरी के अलावा @NilimDutta, @janjagranlive, @SurajKrBaudh, @VayayAmbedkarUP, @Abhaykumarazad97, @Rahuldiwkr और @BimSS जैसे ट्वीटर हैंडल के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
पुलिस की इस कार्रवाई के जवाब में बरखा दत्त ने ट्विटर पर लिखा है, 'उन्नाव की हत्याओं की रिपोर्टिंग के लिए हमारे ख़िलाफ़ एफ़आईआर पर - हमने एक डेवलपिंग न्यूज़ के सभी पक्षों की रिपोर्टिंग करके पत्रकारीय सिद्धांतों का पालन किया। ऐसे में हमारे खिलाफ जेल की सज़ा दिलाने वाली आईपीसी की धाराओं का इस्तेमाल शुद्ध रूप से धमकी है। मैं इससे लड़ने और अदालत में इसका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हूँ।' उन्होंने आगे बताया कि उन्नाव पुलिस ने उनके क़ानूनी अधिकारों का उल्लंघन करते हुए एफ़आईआर की कॉपी तक देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा यह, 'खुला उत्पीड़न और बदमाशी है।'
On FIR against us for reporting Unnao murders- We've followed journalistic principles by reporting all sides of an evolving story. To use IPC sections that are punishable with prison is pure intimidation. I am very ready to fight it and face it in court. Statement @themojostory
— barkha dutt (@BDUTT) February 21, 2021
बरखा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'इससे भी अधिक संदिग्ध यह है कि उन्नाव पुलिस ने हमें राजनेताओं के एक समूह के साथ जोड़ दिया है। पुलिस का दावा है कि हमारे ख़िलाफ़ एफ़आईआर यौन उत्पीड़न का उल्लेख करने के लिए की गई है, जो हमने कभी किया ही नहीं। मोजो स्टोरी के तथ्यों की जाँच से पहले यूपी पुलिस को अपनी एफ़आईआर के तथ्यों की जाँच करनी चाहिए।' उन्होंने जल्द अंतिम संस्कार के दबाव वाली रिपोर्ट के बारे में जवाब देते हुए कहा कि , 'जल्द दाह संस्कार का प्रयास किए जाने से पुलिस के इनकार को हमने प्रमुखता से रिपोर्ट किया था और पुलिस का बयान आने के बाद एक ट्वीट को हटा भी दिया था। हालाँकि ज़मीनी स्तर पर जब हमने लड़कियों के परिवारों से बात की तो उन्होंने यही कहा कि पुलिस जल्द से जल्द दाह-संस्कार कराना चाहती थी। हमें यही बताया गया था।'