उन्नाव केस: पुलिस का दावा, पोस्टमार्टम में नहीं मिली चोट, ज़हर से मौत की आशंका

पुलिस ने परिवार के आरोपों के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन मौत की वजह की सही जानकारी विसरा रिपोर्ट आने पर ही मिलेगी

Updated: Feb 19, 2021, 05:05 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

उन्नाव। उन्नाव में दो नाबालिग लड़कियों की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में अब तक पुलिस कोई ठोस सुराग हासिल नहीं कर पाई है। न ही अस्पताल में मौत से जूझ रही तीसरी लड़की से कोई नई जानकारी मिलने की बात सामने आई है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस दावा कर रही है कि पोस्टमार्टम में दोनों मृत लड़कियों के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं। कानपुर के अस्पताल में भर्ती तीसरी लड़की की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। बुधवार शाम को तीन नाबालिग लड़कियां अपने घर से करीबन आठ सौ मीटर की दूरी पर स्थित खेत में बेसुध पाई गईं थी।

पुलिस का मानना है कि दोनों लड़कियों की मौत की वजह विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगी। फिर भी शुरुआती जानकारी के आधार पर पुलिस ज़हर की वजह से मौत के एंगिल का जिक्र बार-बार कर रही है। हालांकि लड़की के परिवार वाले लड़कियों के गले में दुपट्टा बंधे होने की बात भी कर रहे हैं। परिजनों के कहने पर पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा तो दर्ज किया है, लेकिन अब तक कोई पुख्ता सबूत मिलने का इंतज़ार है।

अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अखबार के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि इस मामले में अब तक यौन उत्पीड़न का संकेत देने वाली कोई बात सामने नहीं आई है। पुलिस अधिकारी के अनुसार पुलिस हर एंगल से इस मामले को देख रही है। यहां तक कि पुलिस इस मामले में ऑनर किलिंग और आत्महत्या के नज़रिये से भी विचार कर रही है। पुलिस अधिकारी अब ऐसी बातें भी कर रहे हैं कि लड़कियों के मिलने पर परिवार ने पुलिस को फोन क्यों नहीं किया? 

मृत बच्ची की मां ने मीडिया को बताया कि तीनों लड़कियां चारा लेने गईं थीं। लेकिन जब वे काफी देर तक घर नहीं लौटी तो उनकी तलाशी शुरू की गई। लड़की की मां ने बताया कि लड़कियों के गले में दुपट्टा बंधा था। बच्चियों के बेसुध मिलने पर पहले उन्हें उन्नाव ज़िला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें कानपुर रेफर कर दिया गया। इस दौरान परिवार के लोग बच्चियों की जान बचाने की कोशिश में अस्पताल-अस्पताल दौड़ते रहे। दो बच्चियों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस पूरे मामले की हकीकत को जानने के लिए इलाजरत बच्ची का बचना बेहद ज़रूरी है।