यूपी में दलितों के हिंदू धर्म छोड़ने के मामले में FIR दर्ज, गाज़ियाबाद में 236 दलितों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था

Religious Conversion in Ghaziabad: बाबा साहब आंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर ने पूछा, क्या है FIR का आधार, 14 अक्टूबर को मेरी मौजूदगी में हुए धर्मपरिवर्तन को अफवाह क्यों कहा जा रहा है

Updated: Oct 24, 2020, 11:48 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों के बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धर्म परिवर्तन की अपवाह फ़ैलाने के आरोप में FIR दर्ज कर ली है। इस FIR में धर्म परिवर्तन की अफवाह के जरिए विभिन्न जातीय समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति ने ही इस सम्बन्ध में उनसे शिकायत की थी।

मोंटू चंदेल ने पुलिस से की शिकायत में आरोप लगाया है कि कुछ लोगों और संगठनों ने धर्मपरिवर्तन की अफवाह उड़ाई है। पुलिस के मुताबिक धर्म परिवर्तन के लिए जारी प्रमाण पत्रों में किसी का नाम पता नहीं लिखा है। इनमें कोई रजिस्ट्रेशन नंबर या तारीख भी नहीं है। पुलिस का कहना है कि इन प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 153-A और 505 के तहत एफआईआर दर्ज की है। ये धाराएं धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश से जुड़ी हैं।  

उत्तर प्रदेश के हाथरस में वाल्मीकि समुदाय की लड़की के साथ हुई दरिंदगी और उसके बाद पुलिस-प्रशासन के रवैये से नाराज़ होकर गाजियाबाद के करहैड़ा गांव में दलित समुदाय के 236 लोगों ने 14 अक्टूबर को हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया था। इन लोगों का कहना था कि हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ जो कुछ हुआ, उसके बाद हमने धर्म परिवर्तन करने का मन बना लिया। क्योंकि बौद्ध धर्म में कोई जाति नहीं होती। न कोई ठाकुर होता है और न ही वाल्मीकि, हर इंसान सिर्फ बौद्ध होता है। इन सारे लोगों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के परपोते राजरत्न आंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। 

इस पूरे मसले में राजरत्न अंबेडकर ने मीडिया से कहा कि उन्होंने किस आधार पर एफआईआर दर्ज की है। 14 अक्टूबर को करहैड़ा गांव में हुए धर्म परिवर्तन को वो अपवाह कैसे बोल सकते हैं। इस आयोजन की तस्वीरें हैं, आयोजन का प्रसारण भी फेसबुक लाइव माध्यम से किया गया था। 1955 में डॉ. अंबेडकर द्वारा स्थापित की गई द बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने इन 236 लोगों को धर्म परिवर्तन का प्रमाण पत्र भी जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करहैड़ा गांव के निवासी पवन ने बताया कि यह कोई अफवाह नहीं है। 14 अक्टूबर को गांव में धर्मपरिवर्तन हुआ था, जिसमें हमने धर्मपरिवर्तन कराया था। शिकायतकर्ता गांव का नहीं है न ही हम लोग उसे जानते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस का कहन है कि आरोपों की जांच की जा रही है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।