चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद अबतक 106 श्रद्धालुओं की मौत, 12 लाख से ज्यादा ने किए दर्शन

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से अबतक 106 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, 26 मई को यात्रा के दौरान 16 तीर्थयात्रियों की मौत हुई, रास्ते में हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हर साल मौतें होती है, लेकिन इस साल संख्या अधिक है

Updated: May 30, 2022, 05:24 AM IST

चमोली। उत्तराखंड में तीन मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अबतक रिकॉर्ड 12 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन करने पहुच चुके हैं। इस बीच यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला भी लगातार जारी है। यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 106 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। सिर्फ 26 मई को ही यात्रा के दौरान 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल अब चार धामों में दर्शन के करीब 12 लाख 83 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में देखी जा रही है। यहां बद्रीनाथ धाम में अब तक जहां 4 लाख 28 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं केदारनाथ धाम में 4 लाख 22 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसके अलावा गंगोत्री धाम में 2 लाख 38 हजार श्रद्धालु, जबकि यमुनोत्री धाम में 1 लाख 77 हजार श्रद्धालु आए। सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब में भी अब तक 16 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

चारधाम यात्रा में इस साल जहां रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, तो वहीं पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार तीर्थयात्रियों की मौत में भी रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिल रहा है। अबतक 78 पुरुष और 28 महिलाओं की मौत हो चुकी है। मृतकों में सबसे अधिक केदारनाथ में 50 यात्रियों की मौत हो चुकी है। वहीं इसके अलावा बद्रीनाथ मं 21, यमुनोत्री में 28 और गंगोत्री धाम में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। 

दरअसल उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धाम- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, के रास्ते में ह्रदय संबंधी समस्याओं के कारण श्रद्धालुओं की मौत की घटनाएं हर साल होती हैं, लेकिन इस बार यह संख्या कहीं ज्यादा है। उंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी, ठंड और हार्ट अटैक की वजह से ज्यादातर लोगों की मौत हो रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं को सलाह दी थी कि, जो लोग मेडिकली फिट नहीं हैं वे जबतक पूरी तरह से डॉक्टर का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता है तबतक यात्रा न शुरू करें।