उत्तराखंड के पूर्व CM को हाथी ने दौड़ाया, भागकर चट्टान पर चढ़े त्रिवेंद्र सिंह रावत, 15 मिनट तक अटकी रही सांसें

पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले को एक हाथी ने रोक लिया। उनकी गाड़ी के सामने अचानक हाथी आ गया। इससे पहले कि हाथी उनकी तरफ आता, नेताजी ने चट्टान में चढ़कर अपनी जान बचाई।

Updated: Sep 15, 2022, 12:27 PM IST

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बुधवार शाम एक बड़ी चट्‌टान पर चढ़कर हाथी से अपनी जान बचानी पड़ी। बताया जा रहा है कि पूर्व CM उस वक्त गढ़वाल के दौरे से कोटद्वार लौट रहे थे। इसी दौरान सिद्धबली मंदिर के पास एक विशालकाय जंगली हाथी ने उनके काफिले का रास्ता रोक लिया। 

पूर्व सीएम रावत के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को बताया कि बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे जब उनका काफिला कोटद्वार के पास पहुंचा तब यह घटना घटी। काफिले की पायलट गाड़ी रुकी हुई थी, क्योंकि सामने सड़क पर एक विशालकाय हाथी खड़ा था। पायलट वाहनों ने हाथी के बगल से निकलने की कोशिश की, पर हाथी के तेवर देख वहीं रुक गई। 

थोड़ी ही देर में उनके पीछे से आ रही पूर्व CM रावत की गाड़ी समेत अन्य गाड़ियां भी खड़ी हो गईं। सभी ये सोच रहे थे कि हाथी साइड से निकल जाएगा और काफिला आगे बढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हाथी उल्टा काफिले की ओर बढ़ने लगा। इस पर सभी गाड़ियां तेजी से पीछे जाने लगीं। इस पर हाथी ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया।

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हाथी को सामने आता देख रावत कार से उतर और भागकर पास में मौजूद एक पहाड़ी नाले की ओर गए। लेकिन लेकिन हाथी ने भी इनके पीछे ही दौड़ लगा दी। इससे बदहवास रावत और उनके साथ मौजूद लोग वहां एक बड़ी सी चट्‌टान पर चढ़ गए। इधर उनके पीछे-पीछे हाथी भी नाले तक पहुंच गया। वह कुछ देर वहीं रुका रहा और चिंघाड़ता रहा। हाथी ने सूंड में पानी भरकर भी एक-दो बार उछाला।

हाथी कुछ देर के लिए जब शांत हुआ तो पूर्व CM समेत सभी लोग वहां कूदकर नीचे भागे और वाहनों में बैठकर वहां निकल गए। हालांकि, तबतक वनकर्मी भी मौके पर पहुंचे गए थे और उन्होंने हाथी को वापस जंगल की ओर भगाया। बता दें कि रावत 61 साल के हैं और वे साल 2017 से 2021 तक उत्तराखंड के CM रहे।