Vikas dubey encounter : अगले दिन ही ठीक हो गए गंभीर घायल STF जवान

Kumar Vishvas का तंज : सड़क-अस्पताल-कॉलेज नहीं तो क्या एक लोकतांत्रिक सरकार अब कहानियां भी ना बनाए

Publish: Jul 13, 2020, 07:41 AM IST

विकास दुबे एनकाउंटर मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस के बयान सवालों के घेरे में हैं। इसी बीच यह खबर सामने आई है कि एनकाउंटर के अगले दिन ही गंभीर रूप से घायल STF के 6 जवान स्वस्थ्य हो गए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एसटीएफ के हेड कॉन्स्टेबल शिवेंद्र सिंह सेंगर और कॉन्स्टेबल विमल कुमार जो कथित रूप से विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग के दौरान घायल हुए थे वह अगले दिन ही मोटरसायकिल से अपने घर चले गए। मामले पर युवाओं के बीच लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर उत्तरप्रदेश सरकार के रवैये पर तंज कसा है। कुमार ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को भी कहानियां गढ़ने का अधिकार है।

उत्तरप्रदेश पुलिस का कहना है कि जब विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था उस दौरान गाड़ी पलटने के बाद कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने एक जवान की बंदूक छीनकर भागने का प्रयास किया था। इस दौरान उसने जवानों पर गोलियां भी चलाई थी जिसमें एसटीएफ के दो जवान हेड कांस्‍टेबल शिवेंद्र सिंह सेंगर और कांस्‍टेबल विमल कुमार गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

11 जुलाई को अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गोली लगने से घायल हुए सेंगर अगले दिन तीन बजे के करीब कानपुर स्थित कल्याणपुर सामुदायिक अस्पताल में घूम रहे थे। सेंगर साढ़े पांच बजे के करीब खुद मोटरसायकिल चलाकर अपने घर गए वहीं विमल किसी परिचित के बाइक पर बैठ अस्पताल से रवाना हुए। मामले पर जब इंडियन एक्सप्रेस ने दोनों से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ कहने से इंकार कर दिया। अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर विनय कुमार को जानकारी भी नहीं थी कि वह दोनों डिस्चार्ज किए गए हैं या नहीं।

अखबार की इस कटिंग को जानेमाने प्रोड्यूसर विनोद कापड़ी ने ट्वीट किया है जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने उत्तरप्रदेश सरकार पर चुटकी ली है। विश्वास ने ट्वीट कर कहा, 'ये तो आपकी सरासर नाइंसाफ़ी है विनोद कापड़ी। मतलब कहानियों पर फ़िल्में सिर्फ़ आप लोग ही बनाएंगे? सड़क-अस्पताल-कॉलेज नहीं तो क्या एक लोकतांत्रिक सरकार अब कहानियां भी ना बनाए? हद तानाशाही है कापड़ी परिवार की लिबरल-सेक्यूलर कहीं के।