JNU में रामनवमी पर क्यों हुई हिंसक झड़प, नॉनवेज खाने से किसने रोका, प्रशासन ने क्या कहा, जानें सबकुछ

जेएनयू छात्र संघ के मुताबिक एबीवीपी के सदस्यों ने छात्रों को हॉस्टल में नॉनवेज खाना खाने से रोका और हिंसा का माहौल बनाया, एबीवीपी ने दावा किया कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित पूजा कार्यक्रम में वामपंथियों ने बाधा डाली

Updated: Apr 12, 2022, 03:44 AM IST

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर से छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट की शर्मनाक घटना हुई है। जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में एबीवीपी के सदस्यों ने न सिर्फ हंगामा किया बल्कि स्टूडेंट्स के साथ मारपीट की। बताया जा रहा है कि रामनवमी के दिन नॉनवेज खाने को लेकर यह पूरा बवाल किया गया।

जेएनयू छात्र संघ की निर्वाचित अध्यक्ष आइशी घोष ने इस संबंध में ट्वीट किया, 'एबीवीपी ने गुंडों ने जेएनयू परिसर में लोगों को नॉनवेज खाने से रोका। एबीवीपी ने हॉस्टल के मेस सेक्रेटरी के साथ भी मारपीट की। परिसर में इस गुंडागर्दी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर इस मारपीट की जो तस्वीरें सामने आईं हैं वो दर्दनाक भी हैं और शर्मनाक भी। JNU में Ph.D की छात्रा सारिका ने कहा कि ABVP के छात्रों ने कैंपस में नॉनवेज खाने को बैन करने की कोशिश की। जिसके खिलाफ छात्रों ने विरोध जताया। इस दौरान मारपीट शुरू हो गई और 50 से 60 छात्र घायल हो गए हैं।

हालांकि, एबीवीपी ने इन आरोपों से इनकार किया और आरोप लगाया कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में लेफ्ट विंग और एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने बाधा डाली। बहरहाल, इस मामले की पड़ताल में विश्वविद्यालय प्रशासन जुट चुका है। एबीवीपी के जेएनयू विंग के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि यहां नॉन-वेज का कोई एंगल नहीं है। उन्हें केवल रामनवमी के अवसर पर कार्यक्रम से परेशानी होती है।

कावेरी छात्रावास में हुई हिंसक झड़प में कम से कम दर्जन भर छात्र घायल हुए, जिन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया। वहीं, छात्रों दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक छात्र घायल हुए हैं। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव करने और अपने-अपने सदस्यों के घायल होने का आरोप लगाया।

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लेफ्ट विंग के छात्र संगठनों ने एबीवीपी के छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। AISA ने जेनएयू परिसर में हुई मारपीट के खिलाफ दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। लेफ्ट विंग के छात्रों के इस ऐलान को देखते हुए दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है।

इस पूरे विवाद के बीच JNU प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया गया है। यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि जेएनयू कैंपस के मेस में किसी भी धर्म के लिए खाने-पीने के लिए कोई पाबंदी नहीं है। सभी धर्म के छात्र अपने त्योहारों को अपने तरीके से मना सकते हैं। किसी के भी पहनावे, खान पान या आस्था पर कोई रोक टोक नहीं कर सकता। प्रशासन की तरफ से ये भी साफ कर दिया गया है कि मेस, स्टूडेंट कमेटी चलाती है और मेन्यू भी वही तय करेगी।