पैगंबर टिप्पणी विवाद पर कई शहरों में उग्र विरोध प्रदर्शन, रांची और प्रयागराज में बिगड़े हालात

भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश और झारखंड तक के शहरों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं

Updated: Jun 10, 2022, 01:43 PM IST

नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है। नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आज देशभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। हालांकि, कई शहरों में भीड़ उग्र हो गई जिससे हालात बिगड़ गए। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर और झारखंड के रांची में पत्थरबाजी की भी घटना देखने को मिली।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रांची में शुक्रवार को नमाज के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस को उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज, जिससे भीड़ उग्र हो गई। भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दिया जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। फिलहाल किसी नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं है। माहौल बिगड़ता देश प्रशासन ने रांची में कर्फ्यू लगा दिया है।

यह भी पढ़ें: हक के लिए जद्दोजहद: 46 डिग्री पारे में युवाओं का पैदल मार्च, पैरों में पड़े छाले पर पस्त नहीं हुए हौसले

इसी तरह प्रयागराज में भी भीड़ बेकाबू हो गई।प्रयागराज से भी पथराव और झड़प की खबरें आई हैं। फिलहाल यहां स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज जिले के अटाला इलाके में पथराव की घटना के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर लोगों ने जुमे की नमाज के बाद भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

उधर कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके, पड़ोस के हावड़ा, हैदराबाद में चारमीनार के पास, लुधियाना, अहमदाबाद और नवी मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। मामले पर उत्पन्न तनाव के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया, जबकि कश्मीर के कुछ हिस्सों में बंद जैसी स्थिति रही। कश्मीर के कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट रोक दिया गया है। भद्रवाह में पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई हैं। बता दें कि जुम्मे की नमाज के बाद सबसे पहले राजधानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद से आई।

हालांकि, जामा मस्जिद के शाही इमाम ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि मस्जिद कमेटी का इससे कोई लेना देना नहीं है। पुलिस शिनाख्त करे की इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि ओवैसी के पार्टी के लोगों ने प्रदर्शन शुरू की। देशभर में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर लोग पीएम मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

फिल्म प्रोड्यूसर विनोद कापड़ी ने लिखा है कि, 'कई शहरों से आगज़नी और पथराव की तस्वीरें बेहद भयावह है। देश बहुत मुश्किल दौर में खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तुरंत के तुरंत राष्ट्र के नाम संबोधन करके देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील करनी चाहिए , यदि वो वाक़ई “सबका साथ , सबका विश्वास” पर यक़ीन रखते हैं।'

ट्विटर यूजर उत्कर्ष सिंह ने इन घटनाओं को लेकर लिखा कि, 'बड़ी हैरानी की बात है कि देश में जुमे के दिन एक साथ सैकड़ों जगहों पर प्री प्लान तरीके से प्रदर्शन आयोजित किए गए, कई जगहों पर हिंसा तक हुई और इंटेलिजेंस एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी?और अगर सरकार को सब पता था तो इतना बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर कैसे हुआ या इसे जानबूझकर होने दिया?'