राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अडानी को फिर घेरा, चांग चुंग लिंग से रिश्ते पर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सेबी के जिस अफसर ने अडानी समूह को क्लीनचिट दी, वह अडानी के नए चैनल एनडीटीवी का डायरेक्टर बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टॉक मार्केट को शेल कंपनियों के ज़रिए पैसा लगाकर मैनिपुलेट किया जा रहा है और उन पैसों से भारत के एसेट्स खरीदे जा रहे हैं.. इन सभी में अड़ानी का चीनी नागरिक से कनेक्शन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है

Updated: Aug 31, 2023, 09:01 PM IST

मुंबई। INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल होने मुंबई पहुंचे राहुल गांधी ने गुरुवार को पीएम मोदी और उनके करीबी उद्योगपति गौतम अडानी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का पैसा विदेशों में भेजा जा रहा है और उन पैसों से शेयर मार्केट को मैनिपुलेट किया जा रहा है। इस खेल में कई प्लेयर्स हैं। इनमें से एक चीनी नागरिक भी है जिसका नाम चांग चुंग लिंग है। 

कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि सेबी के जिस अफसर ने अडानी समूह को क्लीनचिट दी, वह एनडीटीवी का डायरेक्टर बन गया। राहुल गांधी ने  कहा, 'जी20 सम्मेलन देश के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन देश में बिजनेस के लिए पारदर्शिता होना जरूरी है। अडानी पर आज मीडिया में कुछ खुलासे हुए हैं। इसका असर देश की छवि पर भी पड़ रहा है। दुनिया के दो महत्वपूर्ण फाइनेंशियल अखबारों ने बहुत गंभीर खुलासे किए हैं। समाचार पत्र को दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी का एक करीबी (गौतम अडानी) ने एक बिलियन डॉलर का इस्तेमाल अपने ही शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए किया है। उन्होंने सवाल किया है कि ये किसका पैसा है। अडानी का पैसा है या किसी और का?'

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी चुप क्यों हैं? जी 20 के नेता आने वाले हैं जो सवाल पूछेंगे कि एक कंपनी स्पेशल क्यों है? बेहतर होगा उनके आने से पहले इन सवालों का जवाब दिया जाए। एक परिवार जो मोदी जी के करीब है उसने शेयर प्राइस को बढ़ाने के लिए अपने शेयरों में अपना ही पैसा इन्वेस्ट किया। 1 बिलियन डॉलर हिंदुस्तान से अडानी की कंपनी के नेटवर्क के जरिए अलग-अलग देशों में भेजा गया और वापस आया। इस पैसे से अडानी ने अपना शेयर प्राइस बढ़ाया। शेयर प्राइस बढ़ाकर अडानी एयरपोर्ट्स खरीद रहे हैं, पोर्ट खरीद रहे हैं, धारावी में उन्हें बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। शेयर मार्केट को मैनिपुलेट कर अडानी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर खरीद रहे हैं।'

राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले का मास्टरमाइंड गौतम अडानी का भाई विनोद अडानी है। इसमें दो विदेशी लोग भी शामिल हैं। एक व्यक्ति का नाम नसीर अली सबान अली है और दूसरा व्यक्ति चांग चुंग लिंग है। ये चीन का नागरिक है। अडानी पूरे हिंदुस्तान का इंफ्रास्ट्रक्चर खरीद रहे हैं और उसमें ये चीनी नागरिक भी इन्वॉल्व है। इसका क्या रोल है? ये विदेशी लोग भारतीय शेयर मार्केट को क्यों मैनिपुलेट कर रहे हैं। इन्हें भारत के आधारभूत ढांचे में अहम भूमिका निभानेवाली कंपनी के शेयर से छेड़छाड़ करने की इजाजत कैसे दी गई? यह नेशनल सिक्योरिटी का मामल है। अडानी डिफेंस सेक्टर में काम करते हैं।

राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सेबी ने जिस चेयरमैन ने पहले अडानी मामले की जांच की और क्लीनचिट दी थी, आज वह अडानी के चैनल का डायरेक्टर है। सेबी का चेयरमैन अडानी को क्लीनचिट देकर एनडीटीवी का डायरेक्ट बना जाता है। मेरे लिए यह आश्चर्यजनक है की जिसने इस मामले की जांच की वह आज अडानी का एम्प्लॉय है। यह किसी पार्टी का इश्यू नहीं है, इंडिया का इश्यू है। आज देश का रेपुटेशन लाइन पर है। शेयर मार्केट को मैनिपुलेट कर देश की संपत्तियां खरीदी जा रही है। ये जो सीबीआई और ईडी है वह अडानी की जांच क्यों नहीं कर रहे।

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'देश में जब जी 20 हो रहा है तब हमारी छवि कैसी बन रही है? हम कहते हैं कि यहां पारदर्शीता है, भ्रष्टाचार नहीं है, वे जब आ रहे हैं तो उनके सामने ये उदाहरण है। यह हिंदुस्तान के इमेज को डैमेज कर रहा है। पीएम मोदी को आगे आकर कहना चाहिए कि हम जेपीसी गठित करेंगे और इस मामले की जांच होगी। क्योंकि यह भारत के रेपुटेशन का सवाल है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी भी अडानी के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जब अडानी के साथ विदेश जाते हैं तब अडानी समूह को बड़े-बड़े ठेके मिल जाते हैं। सिर्फ एक व्यक्ति को बचाने में पीएम क्यों लगे हैं। साफ है कि उस व्यक्ति ने कुछ गलत तो किया है।

संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये पैनिक का इंडिकेशन है। जब मैंने संसद में अडानी मामले पर बोला था तब भी पीएम मोदी पैनिक थे। जब भी आप अडानी का मामला उठाते हैं तो पीएम नर्वस हो जाते हैं। हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित की जाए। बता दें कि ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) अडानी समूह पर आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।