सूरत में मजदूर और पुलिस आमने-सामने

प्रवासी मजदूरों ने अपने राज्य वापस जाने के लिए किसी तरह की यातायात सुविधा ना मिलने पर हंगामा किया.

Publish: May 05, 2020, 06:04 AM IST

गुजरात के सूरत में प्रवासी मजदूरों और पुलिस के बीच टकराव हुआ. पुलिस ने मजदूरों के ऊपर आंसू गैस के गोले दागे और मजदूरों ने पुलिस के ऊपर पथराव किया.

एक अधिकारी ने बताया कि घटना सूरत के बाहरी इलाके के वरेली गांव की है. प्रवासी मजदूर मांग कर रहे थे कि उन्हें उनके मूल स्थान पर भेजने का इंतजाम किया जाए.अधिकारी ने बताया कि मजदूरों ने सूरत- कदोदरा सड़क पर खड़ी कुछ गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया है.

असल में प्रवासी मजदूरों ने अपने राज्य वापस जाने के लिए किसी तरह की यातायात सुविधा ना मिलने पर हंगामा किया.

एक प्रवासी मजदूर ने कहा, "बिहार का रहने वाला हूं. यहां मिल में काम करता हूं. अभी तक हमें मार्च की पगार भी नहीं मिली है. खाने का ठिकाना नहीं है, सरकार ने कोई सुविधा नहीं दी है. पुलिस वाला आता है, मारता है, डराता है और जाता है."

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वहीं पुलिस का कहना है पुलिस के साथ मजदूरों की झड़प हुई और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने मजदूरों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.

पुलिस ने बताया कि हालात को बाद में नियंत्रित कर लिया गया और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

पिछले महीने भी सूरत में लॉकडाउन 2 के दौरान प्रवासी मजदूर और पुलिस में 28 अप्रैल को झड़प देखने को मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लेते हुए 300 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था उनमें अधिकतर सूरत में रहने वाले प्रवासी मजदूर थे.

इससे पहले, 11 अप्रैल को पुलिस ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 का उल्लंघन करने और दंगा के आरोप में सूरत में 81लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें अधिकतर ओडिशा के प्रवासी मजदूर थे. इनमें से कई प्रवासी मजदूरों को मार्च के महीने के वेतन नहीं मिल पाने और 25 मार्च को लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते अथॉरिटीज की तरफ से पैतृक स्थान पर जाने की इजाजत नहीं मिल पाने की वजह से ये लोग हिंसा पर उतर आए थे.