'जबान ठीक रखोगे भाई तो स्वाद भी ठीक रहेगा' कुमार विश्वास का तमिलनाडु सरकार के शिक्षा मंत्री पर तंज

तमिल बेहद समृद्ध और विकसित भाषा है, आपको तो गौरवान्वित होना चाहिए कि हम और आप ऐसे भाषा-परिवार का अंग हैं, पोनमुडी भाई हम सब लोग अपने क्षेत्रों में इडली-डोसा बनाने वाले सभी दक्षिणी बंधुओं को प्यार व आदर से 'अन्ना' कहते हैं

Updated: May 15, 2022, 05:23 AM IST

Courtesy : Twitter
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भोपाल। देश में बीतें कुछ समय से हिंदी और अन्य दक्षिण भारतीय भाषाओं को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब इसमें राजनीति और राजनीतिक दलों का प्रवेश भी हो चुका है। हाल ही में तमिलनाडु सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के हिंदी भाषा को लेकर दिए गए बयान से बवाल खड़ा हो गया है, जिसमें उत्तर भारतीयों के पानीपूरी बेचने को लेकर निशाना बनाया गया।

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तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने शुक्रवार को भारथिअर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा "अगर ये तर्क सही है कि हिंदी सीखने से रोजगार के ज्यादा अवसर मिल सकते है तो हिंदी भाषा बोलने वाले यहां पानी पूरी क्यों बेच रहे हैं?"

हालांकि विवाद बढ़ता देख पोनमुडी ने सफाई देते हुए कहा, "तमिलनाडु के बहुत सारे लोग उत्तरी राज्यों में जाकर काम करते हैं, मैंने वो बयान इस अर्थ में दिया था कि उत्तरी राज्यों से काफी लोग यहां आते हैं और काम करते हैं। क्योंकि उत्तरी राज्यों में रोजगार उपलब्ध नहीं है।" इस पर देश के मशहूर मंच संचालक और कवि कुमार विश्वास ने चार्टेड प्लेन के अंदर बैठकर गोल गप्पे खाने की फोटो ट्विटर पर पोस्ट की।

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कुमार विश्वास ने लिखा, 'हमारी तमिल मौसी के प्रिय पुत्र भाई के पोनमुडी जी। हम हिंदी मां के बेटे-बेटियां तो हर हाल में गौरवान्वित हैं कि हमें भारतीय-भाषाओं के यशस्वी परिवार में जन्म मिला। हम सब तो दक्षिण के अपने भाई-बहनों की स्वाद ग्रंथियों को ऊर्जा देने वाले गोल गप्पे बेचकर भी बहुत खुश हैं। इसी मां हिंदी की कृपा से हिंदी की ही कविता सुनाने, चार्टर प्लेन से यात्रा करते हुए चार्टर में गोलगप्पे खाकर भी तृप्त हैं।"

 

कुमार विश्वास ने आगे लिखा, 'तमिल बेहद समृद्ध और विकसित भाषा है। आपको तो गौरवान्वित होना चाहिए कि हम और आप ऐसे भाषा-परिवार का अंग हैं और हां, के पोनमुडी भाई हम सब लोग अपने क्षेत्रों में इडली-डोसा बनाने वाले सभी दक्षिणी बंधुओं को प्यार व आदर से 'अन्ना' कहते हैं। जबान ठीक रखोगे भाई तो स्वाद भी ठीक रहेगा। लव यू, जय हिंद।'

कुछ समय पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना को पत्र लिखकर मद्रास उच्च न्यायालय की कार्यवाही को तमिल में संचालित करने की मांग की थी।

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भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है यहां भाषाई, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक विविधता है लेकिन इतनी विविधता होने के बाद भी देश एक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के नीचे एक साथ खड़ा है। हम सभी की धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं और भारतीय संविधान हमें समानता का अधिकार देता हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) में 22 प्रांतीय भाषाओं को राजकीय भाषा का दर्जा प्राप्त है, जिसमें हिंदी भी शमिल है। प्रत्येक भाषा का अपना एक इतिहास, साहित्य होता हैं इसलिए देश के नागरिक होने के नाते सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।