जी भाईसाहब जी: झूठे बंधन, झूठी है ये माया, भार्गव का भागवत ज्ञान  

MP Politics: सबसे ज्‍यादा चुनाव जीतने के बाद भी यदि नेता ‘खाली हाथ’ रहे तो यह राजनीति की एक विडंबना ही है। जिस पार्टी को सबकुछ दिया वही जब नजरअंदाज करे तो भागवत ज्ञान उपज जाना स्‍वाभाविक है। बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता गोपाल भार्गव भागवत ज्ञान के पीछे भी क्‍या यही कारण है?

Updated: Jan 31, 2024, 10:07 PM IST

रहली के गढ़ाकोटा में पटेरियाधाम पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में विधायक गोपाल भार्गव लगातार दो दिन भगवा वेष धारण कर पहुंचे। उन्‍होंने अयोध्या में रामलला के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की बधाइयां दीं और एक भजन भी गाया। उन्‍होंने खुद बताया कि यह भजन वे बचपन में गाया करते थे। 50 साल बाद फिर वही भजन गा रहे हैं। भजन के बोल... बनवारी रे.. जीने का सहारा तेरा नाम रे, मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे। झूठे बंधन, झूठी है ये काया, यहां झूठ का आना-जाना, झूठी है ये माया..। 

सारे बंधनों और माया को झूठा बताने वाले भाव की अभिव्‍यक्ति का एक कारण पार्टी के बर्ताव में भी देखा जा रहा है। प्रदेश में सबसे ज्‍यादा विधानसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी नेता गोपाल भार्गव मुख्‍यमंत्री तो ठीक मंत्री भी नहीं बनाए गए हैं। जबकि उनके परिवार ने इस विधानसभा चुनाव में उन्‍हें भावी मुख्‍यमंत्री प्रस्‍तुत किया था। अब समर्थक कह रहे हैं कि गोपाल भार्गव को लोकसभा चुनाव का टिकट दे कर पार्टी बड़ी भूमिका देगी।  दिल को आश्‍वासन देते ऐसे कयासों के बीच भार्गव का भागवत ज्ञान फिलहाल चर्चा में है। 

शिवराज सिंह चौहान का दक्षिण प्रस्‍थान 

बीजेपी में मध्‍यम मार्ग की राजनीतिक करने वाले पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दक्षिण गमन हो चुका है। सरकार में वापसी के बाद पार्टी ने उन्‍हें पद नहीं दिया बल्कि दक्षिण का ‘वनवास’ दे दिया है। अब विधायक शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक भविष्‍य क्‍या होगा इस पर बयान थम नहीं रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवराज को लोकसभा में भेजने की चर्चाओं को हवा दे दी। भोपाल आए अठावले ने मीडिया से चर्चा में कहा कि शिवराज का लोकसभा में आना है पक्‍का, इसलिए उनके विरोधियों को लगना है धक्‍का। 

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के इतना कहते ही शिवराज की सीट का अंदाजा लगाया जाने लगा। दावा किया जा रहा है कि पार्टी उन्‍हें छिंदवाड़ा सीट से मैदान में उतारेगी। मोहन यादव के मुख्‍यमंत्री चुने जाने के ठीक पहले शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा जा कर इस सीट को बीजेपी के खाते में डालने का संकल्‍प भी लिया गया था। 

तब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भोपाल में शिवराज सिंह चौहान के  लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे थे उसी समय में तमिलनाडु दौरे पर गए शिवराज दावा कर रहे थे बीजेपी तमिलनाड़ु में 25 से ज्‍यादा सीटें जीतेंगी। शिवराज का यह दावा बेहद चौंकाने वाला है क्‍योंकि तमिलनाडु राज्‍य की 39 सीटों में से बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं है। 

यह बड़ा मजेदार होगा कि 25 सीटों पर जीत दर्ज करवाने के लिए शिवराज परा समय दक्षिण में देंगे या खुद एमपी के दक्षिणी जिले छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे। परिणाम जो भी हो सत्‍ता के सिंहासन से उतर कर शिवराज का दक्षिण गमन तो तय है। 

शहर की पार्टी का गांव चलो मिशन 

बीजेपी को आमतौर पर शहर और उच्‍च वर्ग की पार्टी कहा जाता है। अब तक बीजेपी ने बूथ सशक्तिकरण या बूथ चलो के नाम से जो भी अभियान चलाए हैं वे शहरी अधिक थे लेकिन पहली बार बीजेपी 'गांव चलो' अभियान शुरू करने जा रही है। विधानसभा चुनाव में 48 फीसदी वोट हासिल करने के बाद भी पार्टी के अध्ययन में भी खुलासा हुआ है कि शहर और गांव के वोट प्रतिशत में भी काफी अंतर रहता है। बूथ को मजबूत करने के लिए पार्टी जो कार्यक्रम बनाती है, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा में शहरी क्षेत्रों में ध्यान अधिक केंद्रित रहता था, लेकिन अब गांवों पर अधिक ध्‍यान देना होगा।

इसलिए पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले ‘गांव चलो अभियान’ चला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव विकास के संकल्प पर चर्चा करेगी। तय किया गया है कि अभियान की तैयारियां तीन फरवरी तक की जाएगी। मध्य प्रदेश में तीन फरवरी से पहले जिला और मंडल स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद 9 से 11 फरवरी के बीच बीजेपी के सभी नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री गांवों में 24 घंटे रुकेंगे।

पार्टी उम्‍मीद कर रही है कि गांव में आधार बढ़ेगा तो उसका 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने का सपना पूरा हो जाएगा। बीजेपी के इस अभियान का एक कारण वे आकलन भी हैं जो बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर होगा। 

कांग्रेस के दो छोर, राज्‍यसभा और न्‍याय यात्रा

लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी कांग्रेस के लिए इनदिनों राजनीति के दो छोर हैं। एक राज्‍यसभा चुनाव का टिकट और दूसरा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा से जनता का जुड़ाव। 25 फरवरी को एमपी की 5 राज्‍यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें से एक सीट कांग्रेस के खाते की है। यह ओबीसी नेता राजमणि पटेल का कार्यकाल समाप्‍त होने के बाद रिक्‍त हो रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ओबीसी मुद्दा उठाया था इसलिए इस सीट पर ओबीसी नेता को ही मैदान में उतारने का दबाव है। कांग्रेस पिछड़े वर्ग से ऐसे नेता को मौका देना चाहेगी जिसे टिकट देने का प्रभाव पूरे प्रदेश में हो। इस लिहाज से नए प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष अरुण यादव का दावा मजबूत है। अटकलें तो यह भी हैं कि जीतू पटवारी इंदौर या फिर मालवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अरुण यादव के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है इसलिए उन्‍हें राज्‍यसभा भेजा जाएगा।

कांग्रेस का दूसरा लक्ष्‍य राहुल गांधी कर न्‍याय यात्रा में भागीदारी है ताकि मैदान में ताकत दिखाई जा सके। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में मार्च के प्रथम सप्ताह में राजस्थान से प्रवेश करेगी। इसके पहले राज्य में माहौल बनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अलग-अलग स्थानों से यात्राएं निकालेंगे। गांव-गांव में भ्रमण करते हुए यात्रा अलग-अलग स्थानों पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सम्मिलित होंगी। पार्टी कोशिश कर रही है कि सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों से किसान, युवा, महिला, मजदूर, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों को राहुल गांधी से मिलवाया जाए।