इंदौर में BJP का बदला : कांग्रेस ने दिखाई दूसरी तस्‍वीर

कांग्रेस विधायकों से घुटनों के बल बैठ कर बात करने पर एसडीएम और सीएसपी के तबादले, कांग्रेस ने कहा अच्‍छी परिपाटी नहीं

Publish: Jun 14, 2020, 10:03 PM IST

इंदौर के राजबाड़ा में शनिवार को धरने पर बैठे कांग्रेस नेताओं से चर्चा करने गए एसडीएम राकेश शर्मा और सीएसपी डीके तिवारी का शिवराज सिंह चौहान सरकार ने देर रात तबादला कर दिया है। अफसरों का गुनाह यह था कि धरना खत्‍म करवाने के लिए उन्‍होंने फर्श पर बैठे नेताओं से घुटनों पर बैठ कर चर्चा की थी। अधिकारियों पर कार्रवाई को कांग्रेस ने बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा है कि अफसर अपना काम कर रहे थे। उन पर राजनीतिक बैर की कार्रवाई कर भाजपा सरकार गलत परिपाटी डाल रही है।

कांग्रेस ने 2006 की एक फोटो जारी की है। इसमें सीहोर जिले के तत्‍कालीन कलेक्‍टर एसके मिश्रा मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने घुटनो के बल बैठे थे। यही आईएएस एसके मिश्रा बाद में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव बनाए गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष के मीडिया समन्‍वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि ऐसे कई उदाहरण मौजूद है। ऐसे चित्रों पर भाजपा का क्या मत है, उन्हें स्पष्ट करना चाहिये?

गौरतलब है कि शुक्रवार को पूर्व विधायक और भाजपा नेता सुदर्शन गुप्ता ने कमला नेहरू कॉलोनी के मैदान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन पर राशन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। राशन के लिए भारी भीड़ जुटी। यहां जमकर धक्का-मुक्की हुई और कंटेंटमेंट जोन में सोशल डिस्‍टेंस के सारे नियम टूट गए। वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता समेत कुछ लोगों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया। मामूली  धाराओं में केस दर्ज होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने राजवाड़ा में मां अहिल्या प्रतिमा के सामने धरना दिया था।

धरने पर बैठे नेताओं को समझाने के लिए एसडीएम राकेश शर्मा और सीएसपी डीके तिवारी पहुंचे थे। यहां एसडीएम ने घुटनों के बल बैठकर कांग्रेस नेताओं से बात की। इसका वीडियो वायरल होने पर भाजपा नेता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर अधिकारियों के व्‍यवहार पर आपत्ति जताई थी। बाद में कलेक्‍टर कलेक्टर मनीष सिंह ने एसडीएम राकेश शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। एसडीएम राकेश शर्मा का कहना है कि उन्‍हें सर्वाइकल स्‍पांडलाइटिस है और वे झुक कर बात नहीं कर सकते थे इसलिए बैठ कर बात की।

इंदौर प्रशासन ने धरना दे रहे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन का प्रकरण दर्ज किया है। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, नगर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, विधायक विशाल पटेल अपने विरूद्ध दर्ज प्रकरण की जानकारी लेने एवं न्यायिक प्रणाली पर विश्वास करते हुए एक जागरूक नागरिक होने के नाते रविवार सुबह गिरफ्तारी देने सराफा थाने उपस्थित हुए।

कलेक्‍टर ने माना पद का अपमान

एसडीएम को दिए नोटिस में कलेक्‍टर मनीष सिंह ने लिखा है कि राजबाड़ा में मां अहिल्या बाई की प्रतिमा के समक्ष बिना अनुमति धरना दे रहे जनप्रतिनिधियों के समक्ष जिस स्वरूप में एसडीएम द्वारा जाकर चर्चा की गई है, वह एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट की गरिमा एवं प्रशासनिक अनुशासन और आचरण के अनुरूप बिल्कुल नहीं था। इससे प्रशासन की छवि धूमिल हुई है। एसडीएम राकेश शर्मा आप कारण बताओ ऐसी क्या वजह हुई कि आपको नेताओं के सामने घुटने पर बैठना पड़ा।

कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बिना अनुमति के धरने में बात करने गए थे तो एक मजिस्ट्रेट की मर्यादा, गरिमा और प्रशासनिक अनुशासन होता है। आप वहां एक प्रशासनिक सिस्टम के पार्ट के रूप में गए हो। आपको बात करनी थी तो खड़े होकर बात करते, मुझे वह देखकर खुद खराब लग रहा है। अधिकारियों को मर्यादा में रहकर प्रक्रिया पूरी करना थी।

भाजपा नेताओं पर कार्रवाई नहीं, कांग्रेस को अनुमति नहीं  

प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश भर में भाजपा के लोग निरंतर कोरोना के प्रोटोकाल व गाइडलाइन का मज़ाक़ उड़ा रहे है , जमकर राजनीतिक आयोजन कर रहे है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और उन्हें छूट दी जा रही है। दूसरी तरफ़ कांग्रेस के लोग , जब कोई भी कार्यक्रम अनुमति लेकर करना चाहे तो भी उन्हें अनुमति नहीं। शिवराज सरकार में यह कैसा दोहरा मापदंड? नियमों का पालन सभी के लिये एक समान होना चाहिये। इंदौर में कांग्रेस के लोगों पर प्रदर्शन के दौरान हुई कार्रवाई और आज शांतिपूर्वक धरने पर बैठे कांग्रेस के विधायकों पर दर्ज प्रकरण बेहद निंदनीय। कांग्रेस इस तरह के दोहरे मापदंड व दमनकारी कार्यवाही पर चुप नहीं बैठेगी और सड़कों पर आकर इसका विरोध करेगी।

 

कांग्रेस ने कभी नहीं की राजनीतिक दुर्भावना से कार्रवाई : सलूूूूजा

कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्‍वयक नरेंद्र सलूजा ने बयान जारी कर कहा कि इंदौर के राजवाडा पर माँ अहिल्या की प्रतिमा के समक्ष शांतिपूर्ण धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों के धरना स्थल पर जाकर चर्चा करने पर अधिकारियों को हटाकर भाजपा सरकार ने एक ग़लत परंपरा को जन्म दिया है। इस मामले को भाजपा नेताओ ने जानबूझकर तूल दिया। कांग्रेस की भी प्रदेश में 15 माह सरकार रही लेकिन ऐसी राजनीतिक दुर्भावना कांग्रेस ने भाजपा नेताओ के प्रति कभी नहीं दिखायी। धरने पर तीन-तीन कांग्रेस के विधायक बैठे थे, शहर कांग्रेस अध्यक्ष बैठे थे। विधायक का सम्मान करना अधिकारी का कर्तव्य व प्रोटोकाल होता है। उन अधिकारियों ने कांग्रेस विधायकों के समक्ष घुटने नहीं टेके। चुकि कांग्रेस विधायक ज़मीन पर धरने पर बैठे थे , इसलिये उनसे सीधी चर्चा के लिये उन्होंने घुटने के बल बैठकर उनसे आमने-सामने सम्मानपूर्वक चर्चा की। आख़िर विधायक जनता का चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है, उनके सम्मान का भी प्रोटोकाल है। यदि अधिकारियों ने उन्हें सम्मान देकर चर्चा की तो क्या ग़लत किया? वो क्या हत्या के अपराधी थे, कोई लिस्टेड गुंडे थे क्या? वहाँ धरना देकर कोई डकैती की योजना बना रहे थे क्या? जो उन्हें सम्मान नहीं मिलना चाहिये था? क्या उनसे चर्चा की बजाय उन पर लाठियाँ बरसानी थी?  ऐसे कई उदाहरण प्रदेश भर के मौजूद है, जिसमें भाजपा नेताओ ने कांग्रेस की सरकार के दौरान सड़कों पर कई आंदोलन किये, क़ानून तक हाथ में लिये लेकिन इस तरह की राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई कांग्रेस सरकार में कभी नहीं हुयी। सरकारें तो आती जाती रहती है। कोई स्थायी नहीं होता लेकिन इस तरह की शुरुआत पूरी तरह से ग़लत है। इससे राजनीतिक दुर्भावना बढ़ेगी। अधिकारी दबाव में काम करेंगे, पक्ष- विपक्ष देखकर जनप्रतिनिधियो का सम्मान- अपमान करेंगे। इस घटना ने शहर में एक ग़लत परंपरा को जन्म दे दिया है।